इंदौर।पीथमपुर निवेश क्षेत्र विकास योजना तैयार की गई है, जिसमें अभी पहले चरण में 768 हैक्टेयर यानी लगभग दो हजार एकड़ जमीन ली जा रही है। इसमें 461 सरकारी और लगभग 70 हैक्टेयर मंदिरों की जमीन भी शामिल है। शेष 237 हैक्टेयर निजी जमीनें हैं, जिन्हें 20 फीसदी नकद मुआवजा और 80 फीसदी विकसित जमीन मुआवजे के बदले दी जाना है। इंदौर जिले की भी 175 एकड़ सरकारी और मंदिरों की जमीन इसमें शामिल की जा रही है।
औद्योगिक केन्द्र विकास निगम द्वारा पीथमपुर निवेश क्षेत्र विकास योजना तैयार की जा रही है, जिसका प्रेजेंटेशन मंत्री और प्रमुख सचिव के समक्ष दो दिन पहले भोपाल में दिया जा चुका है और शासन ने भी इसे मंजूर कर दिया है। अभी पहले चरण में औद्योगिक केन्द्र विकास निगम के एमडी रोहन सक्सेना के मुताबिक 768 हैक्टेयर जमीन शामिल की जा रही है, जिसमें 237 हैक्टेयर जमीन निजी है और लगभग 531 हैक्टेयर जमीन सरकारी है, जिसमें 461 हैक्टेयर सरकारी और 70 हैक्टेयर मंदिरों की जमीन शामिल है। इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह ने भी अभी पीथमपुर निवेश क्षेत्र विकास का प्लान देखा और उसके पश्चात अम्बापुरा, काली बिल्लौद और सलमपुर की लगभग 70 हैक्टेयर सरकारी और मंदिरों की जमीनों को भी इस पीथमपुर निवेश क्षेत्र विकास योजना में शामिल करने का निर्णय लिया। इसमें अम्बापुरा की 1.206 हैक्टेयर जमीन श्री खेड़ापति मंदिर की है, तो काली बिल्लौद में लगभग 52.628 हैक्टेयर जमीन मंदिरों की शामिल है। इसमें पीर स्थान के साथ-साथ श्रीराम मंदिर, खेड़ापति मंदिर की जमीनें शामिल है। वहीं 44 हैक्टेयर जमीन सरकारी है, तो इसी तरह सलमपुर में श्री कालका माता, खेड़ापति और श्री राम मंदिर की जमीनें शामिल की गई है।
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