इंदौर, प्रियंका जैन देशपांडे। हर साल इंदौर जिले के पंजीयन कार्यालय में दस्तावेजों के पंजीयन का टारगेट पूरे संभाग में सबसे ज्यादा रहा है, वहीं एक साल में ही मध्यप्रदेश शासन को इंदौर और उज्जैन संभाग ने 4496.25 करोड़ का राजस्व कमाकर दिया है। पिछले पांच सालों में यह आंकड़ा 17 हजार 861.17 करोड़ के राजस्व की कमाई हुई है। उज्जैन और इंदौर संभाग के सभी जिलों में पिछले पांच सालों में तेजी से जमीनों के सौदे हुए हैं। इंदौर जिले में ही पिछले वर्ष 2024 में 2439.10 करोड़ की आय हासिल की है। 1 लाख 75 हजार 737 दस्तावेज पंजीकृत किए गए हैं।
मध्यप्रदेश शासन को सबसे ज्यादा राजस्व आय जमीनों के सौदों के माध्यम से हो रही है। जहां रहवासी अपने आशियाना बनाने के लिए मुख्य शहरों का रुख कर रहे हैं, वहीं तेजी से दस्तावेजों के पंजीयन में भी बदलाव देखा गया है। पिछले पांच सालों में इंदौर जिले में जहां दस्तावेजों का पंजीयन दोगुना गति से हुआ है। विधानसभा और लोकसभा चुनाव के बाद उज्जैन जिले में भी अच्छी प्रगति देखी गई है। 2024 के आंकड़ों पर नजर दौड़ाई जाए तो इंदौर जिले में 2439.10 करोड़ की आय शासन को कमाकर दी है, वहीं उज्जैन शहर में भी यह आंकड़ा 483.95 का सामने आया है। पिछले दो वर्ष से उज्जैन जिले में भी तेजी से रिकार्ड देखा जा रहा है, वहीं आने वाले कुंभ के मद्देनजर जो विकास किया जा रहा है, उससे इंदौर और उज्जैन शहर की कायापलट कर दी है। आगे आने वाले दो सालों में यह आंकड़ा और बढऩे की संभावना पंजीयन विभाग ने दर्शाई है।
पांच साल में दोगुना हुआ राजस्व
दस्तावेजों के पंजीयन से लेकर राजस्व आय में भी पांच सालों में अनोखी प्रगति देखी गई है। पांच साल के आंकड़ों पर नजर दौड़ाई जाए तो इंदौर जिले में हर साल एक हजार करोड़ से अधिक की आय जहां शासन को उपलब्ध कराई है, वहीं पिछले पांच सालों में इंदौर जिले में 9571.07 करोड़ 735007 दस्तावेजों के पंजीयन कर कमाए हैं। पूरे प्रदेश के आंकड़ों पर नजर दौड़ाई जाए तो अब तक 23 लाख 60 हजार 738 दस्तावजों का पंजीयन पिछले पांच सालों में हुआ है, जिससे 17 हजार 861.17 करोड़ का राजस्व मध्यप्रदेश शासन को मिला है।
2024 में इन शहरों में सबसे ज्यादा कमाई हुई
पंजीयन विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2024 में इंदौर, धार, खरगोन, खंडवा, उज्जैन, शाजापुर, देवास,रतलाम जिलो में सबसे ज्यादा आय प्राप्त हुई है। यहां दस्तावेजों का पंजीयन भी उतनी ही तेजी से हुआ है। मुख्य शहरों की ओर रहवासी पहुंच रहे हैं और अपना आशियाना तलाश रहे हैं। मुख्यमंत्री मोहन यादव के गृहनगर और उनके प्रभार वाले जिले इंदौर में सबसे ज्यादा दस्तावेज पंजीयन कराए जा रहे हैं। यदि पांच साल के आंकड़ो ंपर नजर दौड़ाई जाए तो 2020 से लेकर 24तक इस तरह से प्रगति देखी गई है। इंदौर जिले में 2020 में 100279 दस्तावेजों का पंजीयन हुआ। 2021 में 127919 दस्तावेज, 2022 में 158624 व 2023 में 172448 और 2024 में 175737 दस्तावेजों का पंजीयन हुआ है। वहीं उज्जैन संभाग में यह आंकड़ा 2020 में 10441 था। 2021 में 12850, 2022 में 16305, 2023 में 22148 से बढक़र 2024 में 24197 दस्तावेजों तक पहुंच गया है।
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