उज्जैन (इंदरसिंह चौहान)। बढ़ते शहर में एलपीजी की पाईप लाईन का उपयोग बढऩे लगा है। दो साल में इसके 26 हजार कनेक्शन हो गए हैं। इसके अलावा पिछले एक साल में पीएनजी से चलने वाले बड़े वाहन भी शहर में बढ़ गए हैं और उनकी संख्या 600 तक पहुँच गई है। पेट्रोल और रसोई गैस की बढ़ती कीमतों से परेशान जनता के लिए अब पेट्रोल से चलने वाले चौपहिया वाहन, सीएनजी से चलाने पर किफायती साबित होने लगा है। वहीं रसोई गैस के विकल्प के रूप में पीएनजी एलपीजी से किफायती साबित हो रहा है। अवंतिका गैस लिमिटेड उज्जैन के मार्केटिंग मैनेजर सुमित सिंह ने बताया कि पूरे उज्जैन शहर में अभी रसोई गैस पीएनजी के कनेक्शन लगभग 26,000 लग चुके हैं और लगभग 10,000 कनेक्शन प्रति वर्ष लगाने का लक्ष्य है पुराने उज्जैन शहर जहाँ बहुत सकरी सड़कें हैं वहां पीएनजी पाइपलाइन नहीं लग पाई है।
पेट्रोल से सस्ती होती है सीएनजी
जहाँ पेट्रोल के 1 लीटर की कीमत लगभग 109 रुपए होती है और एक चोपहिया वाहन 1 लीटर में 18 से 20 किलोमीटर चलता है वही सीएनजी 68 में 28 से 29 किलोमीटर चलती है यानी सीएनजी, पेट्रोल से लगभल आधे दाम में मिलती है, वहीं वाहन का एवरेज भी बढ़ जाता है, और सीएनजी प्रदूषण विहीन होती है।
600 के लगभग वाहन चलने लगे पीएनजी से
प्रबंधक श्री सिंह ने बताया कि पेट्रोल और डीजल की महंगाई के बाद पीएनजी से चलने वालों में बड़े चार पहिया वाहनों में ऑटो और मैजिक वाहनों के अलावा कार से लेकर ट्रक तक लगभग 600 वाहन उज्जैन में बढ़ गए हैं। इनमें मारूति और हुंडई कंपनी के पीएनजी से चलने वाले वाहन अधिक हैं। करीब उपरोक्त 600 वाहनों में से 400 के लगभग वाहनों में निजी वाहन शामिल हैं। इसी को देखते हुए कंपनी द्वारा अभी शहर में दो स्थानों पर पीएनजी पंप स्थापित किए जा रहे हैं।
एक स्टेशन तैयार, दूसरे का 90 प्रतिशत काम पूरा
इनमें से एक स्टेशन एमआर 5 रोड पर स्थित पेट्रोल पंप पर स्थापित कर दिया गया है और यहाँ वाहनों में पीएनजी गैस भरी जा रही है। इसी तरह का दूसरा स्टेशन ऋषिनगर पेट्रोल पंप पर तैयार हो रहा है। यहाँ स्टेशन का लगभग 90 फीसदी काम पूरा हो चुका है। जल्द ही यहाँ भी लोगों को पीएनजी गैस वाहनों के लिए उपलब्ध हो सकेगी।
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