इंदौर, अरविंद तिवारी। मध्यप्रदेश के दो दिग्गज भाजपा नेताओं के बीच चल रही टकराहट बुधवार को संघ के गढ़ नागपुर में भी देखने को मिली। यहां दोनों नेता अलग-अलग राह पर चलते नजर आए। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव नागपुर शहर में भाजपा उम्मीदवारों का प्रचार करते नजर आए तो मंत्री विजयवर्गीय ने गांवों का रास्ता पकड़ लिया।
प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव कल विजयवर्गीय के प्रभार के क्षेत्र नागपुर में भाजपा उम्मीदवारों के चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे थे। मुख्यमंत्री के यहां पांच कार्यक्रम थे और पांचों में विजयवर्गीय कहीं नजर नहीं आए। मुख्यमंत्री शहर में भाजपा उम्मीदवारों के लिए प्रचार करते रहे तो विजयवर्गीय उनके नागपुर पहुंचने से पहले शहरी क्षेत्र में कुछ बैठक लेने के बाद ग्रामीण क्षेत्र में सभाएं व बैठकें लेने निकल गए। इस दूरी को दोनों नेताओं के बीच पिछले कुछ महीनो से चल रही अनबन से जोड़कर देखा जा रहा है। कैबिनेट की 5 बैठकों में विजयवर्गीय की अनुपस्थिति के पीछे भी यही कारण माना जा रहा है। मुख्यमंत्री ने बुधवार को नागपुर के पांच विधानसभा क्षेत्र में रोड शो की शक्ल में जनसंपर्क किया और दो में सभाएं भी ली। इनमें महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का विधानसभा क्षेत्र नागपुर दक्षिण पश्चिम भी शामिल है।
विजयवर्गीय पिछले दो माह से नागपुर में ही डेरा डाले हुए हैं और वहां की 12 सीटों की चुनावी रणनीति के सारे सूत्र उन्हीं के हाथों में केंद्रित है। इन दो महीनों में वे दिवाली सहित कुछ ही मौकों पर इंदौर में नजर आए। बड़ी संख्या में उनके समर्थक भी काफी समय से नागपुर में ही चुनाव प्रचार में लगे हुए हैं। जैसे-जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आती जा रही है, वैसे-वैसे नागपुर में इंदौर के भाजपा कार्यकर्ताओं की संख्या भी बढ़ती जा रही है। इनमें भी ज्यादातर विजयवर्गीय समर्थक ही हैं।
मैं नागपुर क्लस्टर का प्रभारी जरूर हूं, लेकिन वरिष्ठ नेताओं के दौरे की रूपरेखा स्थानीय संगठन महाराष्ट्र के प्रदेश नेतृत्व से तालमेल बैठाकर तैयार करता है। मेरा ग्रामीण क्षेत्र का दौरा संगठन द्वारा पूर्व निर्धारित था। सभाओं के साथ ही छोटी-छोटी बैठकें भी रखी गई थीं। इसके लिए काफी तैयारियां भी की गई थीं। इसी के चलते मैं नागपुर में मुख्यमंत्री के कार्यक्रमों में मौजूद नहीं रहा।
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