गुना। राजनीति में चाचा-भतीजे आए दिन सुर्खियां बटोर लेते हैं। बात महाराष्ट्र [Maharashtra] में चाचा शरद पवार [Sharad Pawar] और भतीजे अजित पवार [Ajit Pawar] की हो या फिर उत्तरप्रदेश में शिवपाल यादव [ Shivpal Yadav] और अखिलेश यादव [Akhilesh Yada ] की, ऐसे ही कई और राजनीति केचाचा-भतीजे हैं, जिनमें तलवीरें खिंची रहती हैं। अब मध्यप्रदेश [Madhya Pradesh] में भी चाचा दिग्विजय सिंह [Digvijay Singh] और उनके भतीजे रुद्रदेव [Rudradev] के बीच सियासी तलवारें खिंच गई हैं।
दिग्विजय सिंह ने भतीजे रुद्रदेव से कहा कि गद्दारों के साथ हमारा विरोध करता है, शर्म आनी चाहिए। गौरतलब है कि दिग्विजय सिंह, मध्यप्रदेश में कांगे्रस की सरकार गिराने का आरोप केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर मड़ते हुए उन्हें गद्दार और कायर तक कह चुके हैं और अब सिंधिया की शरण में गए दिग्विजय के भतीजे रुद्रदेव भी उनके निशाने पर आ गए हैं। गौरतलब है कि रुद्रदेव ने सिंधिया के साथ भाजपा का दामन थामा था। दिग्विजय और उनके भतीजे रुद्रदेव के बीच अदावत की मुख्य वजह ज्योतिरादित्य सिंधिया को ही माना जा रहा है।
-आखिर क्या नहीं किया इस परिवार के लिए?
दरअसल, छोटे भाई और कांग्रेस के उम्मीदवार लक्ष्मण सिंह के प्रचार के लिए दिग्विजय सिंह खेराड़ गांव पहुंचे थे। चुनावी सभा में दिग्विजय सिंह ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को दोबारा गद्दार करार देते हुए कायर और विचारधारा से समझौता करने वाला बताया। दिग्विजय सिंह ने मंच से कहा कि उनके भतीजे ने भी गद्दारों (ज्योतिरादित्य सिंधिया) का साथ दिया। आखिर क्या नहीं किया इस परिवार के लिए? लेकिन उसके बाद भी गद्दारी की और गद्दारों के साथ मिलकर हमारा विरोध करता है, शर्म आनी चाहिए।
– गद्दारी तो 2004 में लक्ष्मण सिंह ने की थी
दिग्विजय सिंह और उनके परिवार के खिलाफ रुद्रदेव सिंह द्वारा अक्सर टिप्पणी की जाती है। दिग्विजय सिंह इस बात से भी नाराज हैं। वहीं, मधुसूदनगढ़ राजपरिवार के सदस्य व दिग्विजय सिंह के भतीजे रुद्रदेव सिंह ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि गद्दारी तो 2004 में लक्ष्मण सिंह ने की थी, जब वे कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए थे। रुद्रदेव ने कहा कि वे केवल सम्मान चाहते हैं, जो उन्हें ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिया है।
– परिवार में लगाई सेंध
रुद्रदेव सिंह ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस को अलविदा कह दिया था और बीजेपी का दामन थाम लिया था. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिग्विजय सिंह के परिवार में सेंध लगाकर रुद्रदेव को भाजपा में शामिल कराया था, तभी से रुद्रदेव सिंह, लक्ष्मण सिंह के खिलाफ बयानबाज़ी करते रहते हैं। मधुसूदनगढ़ राजपरिवार दिग्विजय सिंह की नजदीकी रिश्तेदारी से जुड़ा हुआ है और रुद्रदेव उनके भतीजे हैं, लेकिन राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं ने परिवार के बीच दरार पैदा कर दी।
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