दमोह। मध्यप्रदेश (MP News) के दमोह (Damoh) के समन्ना गांव (Samanna village) में ट्रक से कुचलने के कारण नौ लोगों की मौत के बाद बुधवार को जब शोभानागर इलाके (Shobhanagar area) से एक साथ 9 अर्थियां मुक्तिधाम पहुंची तो शहर के हर शख्स की आंख से आंसू निकल आए। शव यात्रा को कंधा देने के लिए हजारों लोगों की भीड़ परिवार के घर पहुंची और अर्थियां को मुक्तिधाम तक पहुंचाया गया।
बारिश के बीच यह शव यात्रा घर से लेकर मुक्तिधाम पहुंची, जिसे देख ऐसा लग रहा था कि मानों इंसान तो इंसान आसमान भी या नजारा देखकर रो रहा हो। क्योंकि इससे भीषण हादसे में एक ही परिवार के सात लोगों की मौत हो गई और जब एक ही घर से साथ अर्थियां एक साथ उठी तो यह माजरा दिल को झंकझोर देने वाला था। मृतक ऑटो चालक आलोक गुप्ता का अंतिम संस्कार हटा नाका मुक्ति धाम में किया गया जबकि बाकी लोगों का अंतिम संस्कार जटाशंकर मुक्तिधाम में किया गया। एसपी श्रुत कीर्ति सोमवंशी, कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने भी मुक्तिधाम पहुंचकर अंतिम संस्कार में शामिल हुए और पीड़ित परिवार को ढांढस बंधाया।
ऑटो में सवार गुप्ता परिवार के 10 लोग जागेश्वर धाम बांदकपुर जा रहे थे। तभी समन्ना गांव के समीप शराबी ट्रक चालक ने पीछे से आटो के ऊपर ट्रक चढ़ा दिया। हादसा इतना भीषण था कि 7 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। इन्हें ऑटो से निकालने के लिए कटर से ऑटो को काटना पड़ा। एसपी सुधीर कुमार कोचर और एसपी श्रुत कीर्ति सोमवंशी के द्वारा स्वयं ही रेस्क्यू ऑपरेशन में सहयोग किया। 3 घायलों को जबलपुर ले जाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया और पायलट व फॉलो वाहन साथ में भेजा। जहां मंगलवार रात दो लोगों ने दम तोड़ दिया। पुलिस ने ट्रक चालक को गिरफ्तार कर लिया है। उस पर धारा 304 में मामला दर्ज किया। मुख्यमंत्री ने घटना पर दुख जताते हुए मृतकों के परिजन को 2-2 लाख और घायलों को 50 हजार रुपए देने की घोषणा की है।
बुधवार सुबह से ही शोभा नगर क्षेत्र में लोगों की भीड़ जमा होना शुरू हो गई। जैसे-तैसे एक के बाद एक नौ आर्थियों को तैयार किया गया। मातम भरे माहौल में एक साथ नौ आर्थियां निकाली गई। जहां-जहां से भी अंतिम यात्रा निकली सड़क के दोनों ओर लोगों की जमा भीड़ की आंखों में आंसू आने लगे। मृतक के परिजनों को सांत्वना देने के लिए कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर और एसपी श्रुतकीर्ति सोमवंशी सहित तमाम अधिकारी खुद मौके पर पहुंचे। उन्होंने किसी तरह परिजनों को ढ़ाढस बंधाया और वह खुद भी अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए जटाशंकर मुक्तिधाम पहुंचे।
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