उज्जैन। प्रदेश में विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा की सरकार बने 7 महीने हो गए, मगर अभी तक प्रभारी मंत्रियों की नियुक्ति नहीं हो पाई है। दरअसल मोहन सरकार लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई थी और अब चूंकि सारे चुनाव हो चुके हैं, लिहाजा दिल्ली दरबार से सहमति लेकर जल्द ही प्रभारी मंत्रियों की घोषणा कर दी जाएगी। फिलहाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव दिल्ली गए और उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह सहित संगठन के वरिष्ठ नेताओं से चर्चा की। इसमें प्रभारी मंत्रियों का मामला भी शामिल है।
सरकार के प्रयास हैं कि 15 अगस्त के पहले प्रभारी मंत्रियों की नियुक्ति हो जाए, ताकि अधिकांश जिलों में तिरंगा ही ये प्रभारी मंत्री ही फहरा सकें। उज्जैन सहित बड़े जिलों के मंत्री बनने के लिए मारामारी भी काफी है। मुख्यमंत्री के दिल्ली दौरे के चलते ही कई तरह की राजनीतिक सुगबुगाहट शुरू हो गई, जिसमें कुछ मंत्रियों के विभाग बदलने और कुछ मंत्रियों को शामिल करने व प्रभारी मंत्रियों को जिलों का मामला सौंपने का भी मामला शामिल है। दरअसल विधानसभा चुनाव में भाजपा को जोरदार सफलता मिली और मुख्यमंत्री की कुर्सी पर डॉ. मोहन यादव को बैठाया गया, जिन्होंने बीते 7 माह में कई महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए। दूसरी तरफ पिछली सरकार में मंत्री रहे कई वरिष्ठों को भी जगह नहीं मिली, जिनमें जयंत मलैया, गोपाल भार्गव सहित कई अन्य शामिल हैं, जो अब लगातार काबिना मंत्री बनने की जुगाड़ में लगे हैं, जिसके चलते अब चर्चा चल पड़ी है कि मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है और अभी पिछले दिनों ही अमरवाड़ा से उपचुनाव जीते कमलेश शाह को भी मंत्री बनाने की चर्चा चल रही है, तो इसी तरह रामनिवास रावत को मंत्री बनाने के बाद विभाग का आबंटन भी किया जाना है। प्रदेश अध्यक्ष और संगठन महामंत्री सहित अन्य से चर्चा करने के बाद मुख्यमंत्री ने इन सभी मुद्दों को लेकर दिल्ली दरबार में जाकर चर्चा की है, ताकि मंत्रिमंडल के साथ-साथ प्रभारी मंत्रियों की नियुक्ति का जो मामला लम्बित पड़ा है उसे भी जल्द सुलझाया जा सके। दरअसल, तबादला नीति भी प्रदेश सरकार को जारी करना है और चूंकि उसमें प्रभारी मंत्रियों की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। यानी जिले के अंदर किए जाने वाले तबादलों में प्रभारी मंत्रियों की सिफारिश ही लगती है, क्योंकि वह जिले का मुखिया और जिला योजना समिति की बैठक में अध्यक्ष के रूप में मौजूद रहता है। अभी 15 अगस्त को ध्वजारोहण भी होना है, उसके पहले जिलों को प्रभारी मंत्री मिल जाएंगे तो वे ही तिरंगा फहराएंगे।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved