इंदौर। वन विभाग इंदौर की महू फारेस्ट रेंज वाले इलाके में वन्य जीव तेंदुओं ने कई वन्य जीवों सहित कई किसानों के मवेशियों को भी अपना शिकार बनाया है। वन विभाग की सिर्फ एक ही महू रेंज के स्थानीय किसानों को 9 गाय-बैल का मुआवजा चुकाना पड़ा है , जबकि अभी तक साल में 83 दिन ही बीते हैं।
इंदौर वन विभाग की चार रेंजों में से एक महू रेंज के अधीन बडग़ोंदा, मेलेंडी, छोटी जाम, बड़ी जाम गांवों के इलाके वाले तेंदुए यहां के किसानों के अब तक 9 मवेशियों को शिकार बना चुके हैं। इस बात का खुलासा तब हुआ, जब महू वन परिक्षेत्र कार्यालय में इन गांवों के किसानों ने अपने मृत मवेशियों का मुआवजा देने के लिए आवेदन दिया।
आवेदन के बाद महू वन्य प्रशासन ने गांव-गांव जाकर सरपंच के साथ मिलकर मृतक मवेशियों का सांख्यिकीय सत्यापन किया, जो सही पाया गया। इसके बाद सत्यापन में किसानों के दावे सही साबित होने पर बडग़ोंदा, मेलेंडी, छोटी जाम, बड़ी जाम गांव के किसानों को 1 लाख 77 हजार 500 रुपए का मुआवजा दिया गया। महू वन्य अधिकारियों ने बताया इस वन विभाग की चारों वन रेंज में मवेशियों के शिकार की घटनाएं घटती रहती हंै। सरकार ने पशुओं को किसानों का प्रमुख धन माना है, इसलिए वन्य जीवों द्वारा जब भी मवेशियों, यानी गाय-बैल, बकरे-बकरी का शिकार किया जाता है, तब नियम अनुसार प्रशासन को किसानों को मुआवजा देना पड़ता है।
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