उज्जैन। प्रतिदिन महाकाल मंदिर में पैसा लेकर दर्शन कराने का गौरखधंधा चल रहा है। मंदिर समिति इसे रोकने में असफल साबित हुई है और श्रद्धालुओं के साथ वसूली का खेल जमकर चल रहा है। महाकाल मंदिर को अवैध वसूलीबाजों ने कमाई का अड्डा बना रखा है और किसी न किसी तरीके से यहाँ बाहरी श्रद्धालुओं से वसूली चल रही है। मंदिर में दर्शन कराने के लिए रुपए लेने का धंधा लगातार जारी है। कई बार इसकी शिकायतें हो चुकी हैं और कई लोगों पर प्रकरण भी दर्ज हो चुके हैं लेकिन इसके बाद भी यह गौरखधंधा लगातार चल रहा है।
मंदिर समिति के कर्मचारी और यहाँ से जुड़े कई लोग इस धंधे बेखौफ कर रहे हैं और कभी मंदिर प्रशासक के पास शिकायत जाती है तो इस पर सुनवाई नहीं होती। पूरा महाकाल मंदिर अवैध वसूलीबाजों का ठिकाना बना हुआ है। श्रद्धालुओं को बगैर लाईन में लगे दर्शन कराने के नाम पर 2 से 4 हजार रुपए तक की वसूली की जाती है और इसमें सभी की मिलीभगत रहती है। मंदिर समिति और प्रशासक इस पर रोक लगाने पूरी तरह से विफल साबित हो रहे हैं और पैसा वसूलने वाले अलग-अलग तरीकों से श्रद्धालुओं से पैसे ऐंठ रहे हैं। कभी उन्हें अपना यजमान बताते हैं तो कभी रिश्तेदार और ऐसे ही यह रुपए लेकर दर्शन कराने का सिलसिला बदस्तूर जारी है।
विवाद के बाद मारपीट
उज्जैन। महिदपुर रोड के समीप ग्राम इल्लियाखेड़ी में बनेसिंह पिता मदनसिंह राजपूत और सोहन सिंह पिता बापूसिंह राजपूत के बीच मकान के लिये गड्ढे खोदने की बात को लेकर विवाद हुआ और मारपीट हो गई।
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