इंदौर। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) का मतदान (Voting) सोमवार को मतदान के चौथे और अंतिम चरण के साथ पूरा हो गया। इसके साथ ही स्टार प्रचारक (Star Campaigner) दूसरे राज्यों में कैंपेन के लिए निकल गए। वहीं, प्रत्याशियों (Candidates) के साथ ही पार्टी के पदाधिकारी अब अपनी अपनी सीटों पर बूथों (Booths) के हिसाब से हार (Loss) जीत (Win) को लेकर गुणा-भाग लगाने में जुटे हुए हैं। इसके लिए बूथों पर तैनात एजेंटों (Agents) के आंकड़ों से हिसाब लगाया जा रहा है। जिन बूथों से आंकड़े नहीं आए, दोनों ही पार्टी के नेता उस बूथ के एजेंट से जानकारी जुटाने में लगे हुए हैं।
बूथ एजेंटों के पास अपनी पार्टी के समर्थक कितने लोगों ने वोट डाले, बूथ पर कुल कितने वोट पड़े इसकी पूरी जानकारी रहती है। अब इन आंकड़ों को लेकर कांग्रेस-भाजपा समेत सभी दलों के प्रत्याशी अपना-अपना हिसाब लगाने में जुट गए हैं। कांग्रेस नेताओं का दावा है कि उनको पिछली बार से चार से पांच प्रतिशत वोट ज्यादा मिलेंगे। वहीं, भाजपा 10 प्रतिशत वोट शेयर ज्यादा होने का दावा कर रही है।
कांग्रेस (Congress) प्रवक्ता और पूर्व विधायक कुणाल चौधरी ने दावा किया कि कांग्रेस भाजपा से ज्यादा सीटों पर जीत रही है। पिछली बार कांग्रेस को 34.50 प्रतिशत वोट मिले थे। इस बार 38 से 40 प्रतिशत वोट मिलेंगे। मतदाताओं में भाजपा और उनके प्रत्याशियों के खिलाफ निराशा है। कुणाल चौधरी ने कहा कि राजगढ़ जैसी सीट पर ज्यादा मतदान दिग्विजय सिंह के पक्ष में माहौल के चलते हुआ। उन्होंने कहा कि कांग्रेस छिंदवाड़ा, राजगढ़, मंडला, मुरैना और रतलाम सीट पर जीत रही है। भिंड, ग्वालियर, सतना, रीवा, बालाघाट, भोपाल समेत अन्य सीटों पर भी कांग्रेस आगे दिख रही है।
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