झाबुआ । झाबुआ में (In Jhabua) आदिवासियों जमीन माइनिंग विभाग को देने के विरोध में (Against giving Tribal Land to the Mining Department) आदिवासी नेताओं ने प्रदर्शन किया (Tribal leaders Demonstrated) । झाबुआ जिले के राणापुर ब्लॉक में चार जिलों के आदिवासी नेताओं ने एक महत्वपूर्ण जनसभा को संबोधित किया। इस सभा में आदिवासी समाज ने सरकार और प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। आदिवासी नेताओं का कहना है कि सरकार ने उनकी जमीन को माइनिंग विभाग को दे दिया है, जबकि प्रशासन इस आरोप को अफवाह बता रहा है।
आदिवासी नेताओं ने आरोप लगाया है कि उनकी जमीन को बिना उनकी जानकारी और सहमति के माइनिंग विभाग को सौंप दिया गया है। उन्होंने कहा कि एसडीएम झाबुआ ने कल यह बताया था कि यह सब अफवाह है, लेकिन नेताओं के अनुसार यह सच है। आदिवासी नेताओं ने सरकार पर आरोप लगाया कि उन्होंने जनसभा के लिए टेंट लगाने की अनुमति नहीं दी, और वे धूप में खड़े रहे। यह कार्रवाई उन्होंने सरकार की नीयत पर सवाल उठाते हुए की। आदिवासी नेताओं ने केंद्र और राज्य सरकार, विशेषकर भाजपा और राजस्व विभाग के अधिकारियों की आलोचना की। महेश वेस्ता पटेल ने सरकार को जमकर लताड़ा और कहा कि उनकी जमीन माइनिंग विभाग को दी जा रही है, जो कि आदिवासियों के खिलाफ एक बड़ा कदम है।
उधर झाबुआ जिले के काकनवानी थाने के अंतर्गत छापरी ग्राम पंचायत में जयस संगठन के बैनर और पोस्टर असामाजिक तत्वों द्वारा फाड़े गए। इन पोस्टरों पर डॉक्टर भीमराव अंबेडकर, राष्ट्रपति और अन्य महापुरुषों की तस्वीरें थीं। जयस संगठन के कार्यकर्ताओं ने इस घटना पर आक्रोश व्यक्त किया है। उनका कहना है कि असामाजिक लोग समाज को आपस में लड़वाने की कोशिश कर रहे हैं। कार्यकर्ताओं ने काकनवानी थाने में पहुंचकर इस घटना के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई और नामजद रिपोर्ट भी पेश की। जयस संगठन के कार्यकर्ताओं ने यह भी मांग की है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए ताकि समाज में ऐसे विभाजनकारी कृत्यों को रोका जा सके।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved