नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में आतंकियों (small new groups of terrorists) के छोटे-छोटे नए समूह और नाम बदलकर चलाए जा रहे छद्म संगठन सुरक्षाबलों के लिए चुनौती बने हुए हैं। सोमवार को श्रीनगर की आतंकी घटना (Srinagar terrorist incident) में कश्मीर टाइगर्स का नाम सामने आया है। इसकी नींव जैश के आतंकी अबु जार ने रखी थी। हालांकि, सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि ऐसे संगठनों का कोई अस्तित्व नहीं है। सुरक्षाबलों को गुमराह करने के लिए अलग-अलग नाम से छोटे-छोटे समूह बनाए जा रहे हैं।
पिछले तीन सालों में जम्मू-कश्मीर में चार नए आतंकी संगठन बन गए हैं। कश्मीर टाइगर्स इनमें से ही एक है। इसके अलावा अन्य तीन आतंकी संगठन टीआरएफ, पीएएफएफ और एलईएम हैं। हाइब्रिड आतंकियों की पौध भी चुनौती बनी हुई है। कश्मीर टाइगर्स की शुरुआत आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी रहे मुफ्ती अल्ताफ उर्फ अबू जार ने की। अल्ताफ जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग का रहने वाला है। इसकी जानकारी अल्ताफ ने खुद एक वीडियो के जरिये दी थी। अल्ताफ के मुताबिक, उसके पास कई आतंकी हैं जो उसके लिए काम करते हैं। दावा किया गया था कि अल्ताफ के साथ वो आतंकी हैं जो जैश छोड़कर आए हैं।
जम्मू-कश्मीर में आतंकी संगठन लगातार नाम बदलकर और नई रणनीति के जरिये सुरक्षाबलों को चकमा देने का प्रयास करते हैं। सुरक्षाबलों का ध्यान भटकाने के लिए आतंकी हमलों का ट्रेंड भी बदलता रहा है। सुरक्षाबल लगातार आतंकियों की रणनीति को भांपकर ऑपरेशन चला रहे हैं।
आईएसआई से मिलती है मदद
जम्मू-कश्मीर में लंबे समय तक आतंकी संगठन जैश, हिजबुल, लश्कर सक्रिय रहे हैं। इसके बाद अल बदर ने आतंकी घटनाओं के जरिये अपना दायरा बढ़ाया। वर्ष 2019 के बाद से अब तक ऐसे ही चार और आतंकी संगठन बन गए हैं। कश्मीर से अलग-अलग रिपोर्ट के मुताबिक, अब आतंकी संगठन छोटे-छोटे समूह बना रहे हैं। इन्हें पाकिस्तान की एजेंसी आईएसआई की तरफ से मदद मिलती है।
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