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    इन्दौर में एक तरफ हरियाली… तो दूसरी तरफ गंदगी

  • July 15, 2024

    इंदौर। कल शहर (Indore) ने हरियाली (greenery ) का ताज (Crown) पहना, लेकिन इसके पहले स्वच्छता का (Cleanliness) ताज पहनने वाले इंदौर शहर परअब गंदगी का कलंक (stigma of dirt) बढ़ता जा रहा है। पूरा शहर खुदा हुआ है, वहीं कचरे (Waste) के ढेर सडक़ों पर नजर आने लगे हैं। घरों से कचरा उठाने वाली गाडिय़ां नदारद हैं। सडक़ों की होने वाली सफाई बंद पड़ी हुई है। पूरे शहर में अराजकता का माहौल नजर आ रहा है। कुल मिलाकर शहर न तो निगमायुक्त के नियंत्रण में है और न ही महापौर और उनकी परिषद के। कर्मचारी बेलगाम हो चुके हैं। साधन, संसाधनों का अभाव है।


    नंबर वन के ताज पर कलंक लगाती गंदगी शहरी व ग्रामीण क्षेत्र को मटमैला कर रही है। शहर में जहां-तहां लगाए गए डस्टबिन गायब हो चुके हैं, वही कान्ह नदी के किनारे अपार गंदगी का ढेर लगा हुआ है। निर्माण कार्यों के नाम पर पूरे शहर में जहां खुदाई हो रही है, वहीं सडक़ों पर बरसाती पानी जमा है। इंदौर में रहे पुराने अधिकारियों ने नाला टेपिंग के नाम पर जमकर पैसा खाया और इस कारण पूरे शहर में जरा सी बारिश में जलजमाव पैदा हो जाता है। किनारों की गंदगी बहकर सडक़ों पर आ जाती है। सफाईकर्मी नदारद हैं। पहले सुबह सात बजे तक पूरा शहर चकाचक हो जाता था, अब आलम यह है कि सात बजे तक तो सफाईकर्मी सडक़ों पर नहीं उतरते और उसके बाद ट्रैफिक चालू हो जाता है, जिसके कारण सडक़ों की सफाई नहीं हो रही है। एक ओर जहां सडक़ें गंदी हैं, वहीं घरों से कचरा नहीं उठने के कारण लोग घरों का कचरा सडक़ों पर पटक रहे हैं। उधर डस्टबिन कहीं टूटी पड़ी हैं तो कहीं नदारद है। जो डस्टबिन हैं भी तो उनमें से कचरा खाली नहीं हो रहा है और वो सडक़ों पर गिर रहा है। कुल मिलाकर पूरा शहर बदहाली से जूझ रहा है, लेकिन निगमायुक्त शिवम वर्मा केवल दौरों की खानापूर्ति कर रहे हैं, वहीं निगम महापौर के नियंत्रण से बाहर है। परिषद सदस्य शहर की फिक्र छोड़ अपने कामकाज में लगे हुए हैं। यदि आज एक बार फिर स्वच्छता का निरीक्षण हो तो इंदौर शहर पर स्वच्छता का नहीं कलंक का ताज लग जाए।

    कल होगा प्रशिक्षण सत्र
    सात बार स्वच्छता का ताज पहनने के बाद इंदौर के शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में गंदगी का अंबार लगने लगा है। शहरी रहवासी जहां कलेक्टर को लिखित में शिकायत भेज रहे हैं, वही जिला पंचायत के अधिकारी ग्रामीण क्षेत्र को ओडीएफ फ्री और प्लास्टिक फ्री बनाने में एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। उसके बावजूद भी अपनी शाख खोते जा रहे इंदौर के स्वच्छता सिपाहियों को कल ट्रेनिंग दी जाएगी।

    निगम की शिकायत कलेक्टर को
    लाख शिकायतों के बावजूद भी सुधार कार्य नहीं होने पर अब रहवासी कलेक्टर की शरण में पहुंच रहे हैं। जनसुनवाई सहित आम दिनों में भी शिकायतें पहुंच रही हैं। बारिश के दौरान जल भराव की समस्या से परेशान शहरवासी मदद की गुहार लगा रहे हैं, वही ग्रामीण क्षेत्रों की रैंकिंग गिरने के बाद मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सिद्धार्थ जैन ने विकास कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने देपालपुर की काली बिल्लोद , घाटा बिल्लोद एवं जनपद पंचायत इंदौर की ग्राम पंचायत बांक में पहुंचकर स्वच्छ भारत मिशन एवं अन्य विकास कार्यों का निरीक्षण किया।

    48 क्लस्टर प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट के जिले में होंगे तैयार
    शहर के साथ अब ग्रामीण क्षेत्रों की स्वच्छता पर भी जोर, तीन हजार से अधिक जनसंख्या वाले गांवों में स्वच्छता प्रशिक्षण कार्यक्रम भी कल से शुरू

    शहर की सफाई व्यवस्था तो फिलहाल पटरी से उतर गई है और नगर निगम का अमला भी इस मामले में लापरवाह बना हुआ है। हालांकि अभी तो पौधारोपण अभियान में भी सभी जुटे रहे। दूसरी तरफ जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में अवश्य कचरा प्रबंधन के कई उपाय किए जा रहे हैं, जिसमें 48 क्लस्टर प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट के तैयार किए गए हैं और चार खंड स्तरीय यूनिट भी निर्मित की गईं। जिले के 3 हजार से अधिक की जनसंख्या वाले गांवों के सरपंचों और सचिवों को स्वच्छता आधारित प्रशिक्षण भी कल से दिया जाएगा।

    मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सिद्धार्थ जैन के मुताबिक जिले में सभी जनपदों में एक मुख्य हब का निर्माण एवं गांवों के क्लस्टर का निर्माण किया जा रहा है। इस प्रक्रिया के क्रियान्वयन हेतु जैन ने गांवों का निरीक्षण कर जमीनी तैयारियों का जायजा लिया। जैन ने ग्राम पंचायत बांक में निर्मित मुख्य हब का निरीक्षण कर इसे अतिशीघ्र पूर्ण क्षमता से संचालित करने के निर्देश दिए। साथ ही गांव में नियमित साफ-सफाई हो यह सुनिश्चित करने हेतु सरपंच, सचिव को निर्देशित किया गया। ग्राम पंचायत कालीबिल्लौद के मुख्य प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र का भी निरीक्षण किया गया। कालीबिल्लौद में निर्मित फिकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट का भी निरीक्षण किया गया। निर्देश दिए गए कि प्लांट अपनी पूरी क्षमता से कार्य करे, इस हेतु डिसलजिंग वाहन को नियमित संचालित किया जाए एवं प्रचार-प्रसार भी किया जाए। यहां पर गीले कचरे का उचित प्रबंधन नहीं होने से मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने नाराजगी व्यक्त करते हुए संबंधित को एक सप्ताह में इसे प्रक्रिया अनुरूप किए जाने के निर्देश दिए। इस प्लांट में अतिशीघ्र आवश्यक मशीनों की स्थापना के निर्देश भी पंचायत को दिए गए, जिससे कचरे का निपटान आसान हो सके। ग्राम पंचायत घाटाबिल्लौद में भ्रमण के दौरान अधूरे पड़े श्मशानघाट एवं सामुदायिक स्वच्छता परिसर हेतु ग्राम पंचायत सचिव आजाद खान के विरुद्ध कार्रवाई करने के निर्देश जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को दिए गए।

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