इंदौर। रंगून गार्डन (Rangoon Garden) का जो फर्जीवाड़ा सामने आया और 70 हजार स्क्वेयर फीट बेशकीमती जमीन, जिस पर 49 भूखंड थे, सरेंडर हो गई। 100 करोड़ रुपए मूल्य की जमीन सरेंडर (Surrender) करने के बाद अब प्रशासन इनके दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने जा रहा है। सन्नी गृह निर्माण और रजत गृह निर्माण में 100 से ज्यादा फर्जी सदस्य बना लिए, जिनमें एक ही परिवार के लोगों को दो दर्जन से ज्यादा भूखंड सौंप दिए।
मूल रूप से देवी अहिल्या गृह निर्माण (Devi Ahilya Griha Nirman) की खसरा नम्बर 162 की जमीन रजत गृह निर्माण (Rajat Griha Nirman) और फिर सनी गृह निर्माण को अवैध रूप से बेच दी गई, जिसके 49 से अधिक भूखंडों पर रंगून गार्डन का निर्माण कर लिया। इनमें रजत और सन्नी गृह निर्माण में 100 से अधिक बोगस सदस्यों के नाम रजिस्ट्रियां कर दी। इनमें कई तो एक ही परिवार के लोग शामिल हैं। हरीश तोलानी और राजेन्द्र बियानी ने इन संस्थाओं में जमीन शामिल कर फर्जीवाड़े किए। मामला उजागर होने पर रंगून गार्डन संचालकों ने यह कह दिया कि किसी तरह का कोई अवैध निर्माण नहीं किया है, बल्कि जिन लोगों के भूखंड हैं वे सब गार्डन में पार्टनर है। अभी कलेक्टर मनीष सिंह (Collector Manish Singh) की सख्ती के चलते रंगून गार्डन संचालकों ने 70 हजार स्क्वेयर फीट जमीन सरेंडर की है और मौके से गार्डन का कब्जा भी हटाया जा रहा है। कलेक्टर का कहना है कि सरेंडर करवाई जमीन देवी अहिल्या के पात्र सदस्यों को ही भूखंडों के रूप में आबंटित की जाएगी और सन्नी, रजत जैसी जैबी संस्थाओं द्वारा बनाए गए फर्जी सदस्यों को भूखंड नहीं मिलेंगे। दरअसल भूमाफियाओं ने संस्थाओं की जमीनें अन्य जैबी संस्थाएं बनाकर उसमें ट्रांसफर कर दी या निजी कम्पनियों को बेच डाली। यहां तक कि इंदौर विकास प्राधिकरण की योजना 171 में यह जमीन शामिल रही। लिहाजा प्राधिकरण की भी नींद नहीं खुली और उसने भी गार्डन को हटवाने या ऐसे अन्य अवैध निर्माणों पर कोई कार्रवाई नहीं करवाई।
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