नई दिल्ली। भारत के कई राज्यों में कुत्तों का आतंक (dog terror) किस कदर बढ़ रहा है यह तो आए दिन खबरों से पता चलता है। अगर आंकड़ों की बात करें तो सिर्फ भारत में हर साल करीब 20 हजार लोगों की कुत्तों (Dog) के काटने से मौत होती है।
आपको बता दें कि देश में कुत्तों के साथ अन्य जानवरों के काटने के बाद अब भी ग्रामीण इलाके में काटे गए घाव के स्थान पर हल्दी, चूना और मिर्ची लगाने अंधविश्वासी परंपरा है, जोकि रेबीज की बीमारी को थामने की बजाए और बढ़ा देती है।
साल 2019 में 72,77,523, 2020 में 46,33,493, 2021 में 17,01,133 और 2022 जुलाई तक 1450666 केस सामने आए हैं। अगर राज्य के हिसाब से देखें तो उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 2,752,218, तमिलनाडु में 2,070,921 और महाराष्ट्र में 1,575,606 केस आ चुके हैं। वहीं, लक्ष्यद्वीप में एक भी केस सामने नहीं आया। देश में आवारा कुत्तों की संख्या 1,71,38,349 थी और फिर 2019 में यह संख्या 1,53,09,355 रह गई। वहीं पालतू कुत्तों की संख्या साल 2019 में 2.14 करोड़ थी, जो 2023 तक 3.14 करोड़ हो सकते हैं।
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