भोपाल। प्रदेश में पुलिस एवं जिला प्रशासन द्वारा अतिक्रमण विरोधी मुहिम लगातार चलाई जा रही है। जिसमें ज्यादातर कमजोर वर्ग को निशाना बनाया जाता है। राजधानी के चूना भट्टी थाने के सामने ग्रीन बेल्ट की जमीन पर रसूखदार ने सालों से अतिक्रमण जमाया है, लेकिन प्रशासन ने आज तक सरकारी जमीन को अतिक्रमण मुक्त नहीं कराया है। जबकि यह जमीन थाने से सटी हुई है। चूना भट्टी थाने के सामने सरकारी जमीन पर रसूखदार ने सरकारी जमीन पर शेड बनाया है। इस जमीन की बाजार मूल्य से लाखों की कीमत है। खास बात यह है कि कोलार एवं चूना भट्टी क्षेत्र में अतिक्रमण विरोधी मुहिम में थाना स्टाफ शामिल होता और अन्य जगहों से अतिक्रमण हटाने में प्रशासन का सहयोग करता है, लेकिन थाने के सामने से ही सरकारी जमीन केा अतिक्रमण मुक्त नहीं कराया गया है। स्थानीय रहवासियों के अनुसार जमीन पर किसी बिल्डर का कब्जा है, जिसने सालों पहले इस क्षेत्र में कालोनी विकसित की थी। उस समय सरकारी जमीन पर कब्जा जमाया था, जो अभी तक जारी है। इस बीच चूना भट्टी थाना भी खुल गया, लेकिन सरकारी जमीन पर अतिक्रमण जारी है। रहवासियों के अनुसार पिछले साल जब प्रशासन की ओर से शहर में अतिक्रमण विरोधी मुहिम चलाई जा रही थी, जब प्रशासन को लोगों ने गुपचुप तरीके से शिकायत भी की थी, लेकिन उस समय में भी प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया।
बेशकीमती है जमीन
जिस जमीन पर रसूखदार ने शेड बनाकर अतिक्रमण किया है, वह बेशकीमती है। वर्तमान बाजार भाव से जमीन की कीमत लाखों में है। इसके बावजूद भी प्रशासन ने जमीन को खाली नहीं कराया है। चूंकि जमीन थाना परिसर से लगी हुई है, ऐसे में जमीन की कीमत और बढ़ जाती है।
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