नई दिल्ली । दिल्ली सरकार (Delhi Government) का कहना है कि सहकारी समितियों में (In Cooperative Committees) कुरीतियां चल रही हैं (Evils are Going On) और अफसर (Officers) परिवारवाद और पक्षपात (Familyism and Favoritism) भी करते हैं ।
दिल्ली के कैबिनेट मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने आरोप लगाते हुए कहा कि कई बार प्रबंधन अपने स्वार्थ के कारण भ्रष्टाचार को जन्म देता है, अफसर परिवारवाद और पक्षपात भी करते हैं और कदाचार के लिए अधिकारियों और राजनेताओं को दोषी ठहराया जाता है।दिल्ली में सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार द्वारा आयोजित प्रशिक्षण सत्र शुरू किया गया है। इस तीन दिवसीय प्रशिक्षण सत्र में प्रति बैच 25 प्रशासक व अधिकारी शामिल होंगे। सहकारी समितियों से भ्रष्टाचार को पूरी तरह से खत्म करने के उद्देश्य से प्रशिक्षण सत्र का आयोजन किया गया है, साथ ही इस प्रशिक्षण सत्र की मदद से अफसर सारी लंबित मामलों का जल्द से जल्द निपटारा कर पाएंगे। इससे विभाग पर जो काम का बोझ है, वह भी कम होगा।
दिल्ली के कैबिनेट मंत्री गौतम ने सहकारी समितियों में चल रही कुरीतियों पर कहा कि अक्सर सहकारी समिति में कदाचार के लिए अधिकारियों और राजनेताओं को दोषी ठहराया जाता है, लेकिन ऐसा नहीं है। कई बार प्रबंधन अपने स्वार्थ के कारण भ्रष्टाचार को जन्म देता है। कई अफसर परिवारवाद और पक्षपात भी करते हैं।उन्होंने कहा, “इस कदाचार को हमें पूरे सिस्टम से निकाल कर फेंकना है। इसके लिए यह प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया है, जिससे सभी अधिकारी इन चीजों के बारे में जागरूक हो सकें और हम आगे ऐसे कर्मचारी को अवसर न दें जो भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते हैं।”
गौतम ने कहा, “एक अच्छा डॉक्टर बनने से पहले एक मेडिकल स्टूडेंट को किसी बड़े डॉक्टर के साथ ट्रेनिंग करनी होती है। ऐसे ही एक वकील बनने से पहले लॉ स्टूडेंट को भी किसी बड़े वकील के साथ ट्रेनिंग करनी होती है। मुझे खुशी है कि आज सहकारी समिति ने इस चीज को गंभीरता से लिया और सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए एक प्रशिक्षण सत्र का आयोजन किया। इसके लिए मैं विभाग के सभी अधिकारियों को बधाई देता हूं।” कैबिनेट मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने साथ ही अधिकारियों को नागरिकों की मदद करने और सहकारी आंदोलन को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित किया।
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