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    प्रभारी राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने बजट को दी मंजूरी

  • July 26, 2020

    • करीब दो लाख करोड़ के बजट की फाइल लखनऊ से साइन होकर आई
    • जल्द अध्यादेश का गजट नोटिफिकेशन जारी हो जाएगा

    भोपाल। एक अगस्त से राज्य सरकार के खर्च चलाने के लिए जरूरी बजट को प्रभारी राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मंजूरी दे दी है। विधानसभा का सत्र नहीं होने के कारण अध्यादेश के जरिए वर्ष 2020-21 का बजट लाया गया है। कैबिनेट से मंजूरी के बाद वित्त विभाग ने राजभवन के जरिए फाइल को प्रभारी राज्यपाल को लखनऊ भेजी थी, जो मंजूरी के साथ लौट आई है। राजभवन के अधिकारियों ने इस आगामी कार्रवाई के लिए शासन को भेज दिया है। एक-दो दिन में अध्यादेश की अधिसूचना जारी कर दी जाएगी।
    दरअसल, 18 मार्च को विधानसभा बजट सत्र शुरू हुआ था। कोरोना संकट का हवाला देकर इसे इसी दिन समाप्त घोषित कर दिया गया। 20 मार्च का कमलनाथ सरकार ने इस्तीफा दे दिया। इस वजह से बजट पेश ही नहीं हो पाया। जबकि तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने इसकी पूरी तैयारी कर ली थी। शिवराज सिंह ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद सरकार को एक लाख 6600 करोड़ का लेखानुदान लाकर अपने खर्चे चलाना पड़े, जबकि अब कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के कारण ऐनवक्त पर विधानसभा सत्र स्थगित करना पड़ा।

    जल्द ही जारी होगा नोटिफिकेशन
    पहले चर्चा थी कि आगामी माह का खर्चा चलाने के लिए सरकार एक बार फिर से लेखानुदान लेकर आएगी। लेकिन विचार-विमर्श के बाद सरकार सीधे पूरे वित्तीय वर्ष के लिए अध्यादेश लेकर आ रही है। बजट लगभग दो लाख करोड़ रुपए का हो सकता है। जल्द ही अध्यादेश का गजट नोटिफिकेशन जारी हो जाएगा। 6600 करोड़ का लेखानुदान भी इसमें समायोजित किया जाएगा। नवंबर-दिसंबर में प्रस्तावित शीतकालीन सत्र में विधानसभा से अनुमोदन लिया जाएगा। प्रदेश की आर्थिक जरूरतें पूरी करने सरकार दो लाख 5 हजार 397 करोड़ का विनियोग बजट लाई है। अध्यादेश के जरिए लाए गए इस बजट मेंं स्वास्थ पर फोकस और जरूरतों पर जोर दिया गया है। इसमें सभी विभागों के खर्च और खरीद के लिए पर्याप्त इंतजामात किए गए हैं। और कुछ अपेक्षाकृत कम जरूरी मदों मेंं कटौती भी की गई है। कोरोना के चलते विधानसभा का बजट सत्र टालना पड़ा लेकिन अध्यादेश के जरिए राज्य सरकार ने प्रदेश के लिए बजट का इंतजाम कर दिया है।

    बजट पर दिखा कोरोना का असर
    प्रदेश के सभी जिले इस समय कोरोना की चपेट में हैं। इस लिए इस महामारी से निपटने के लिए इस बार स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग के बजट में पिछले साल की अपेक्षा इजाफ किया गया है। बाकी विभागों के बजट में कोरोना का असर नजर आया है और उनमें कमी आई है। स्वास्थ्य विभाग में इस बार वेतन, भत्ते, योजनाओं, चालू खर्चों के लिए 7231 करोड़ 12 लाख 51हजार रुपए का इंतजाम किया गया है जबकि अस्पताल भवन के निर्माण, अस्पतालों में लगने वाले उपकरण और स्थाई खर्चों के लिए 174 करोड़ 42 लाख 51 हजार रुपए का इंतजाम किया है। सरकार किसान हितैषी सरकार है इसलिए कृषि विभाग में भी भरपूर बजट की राशि दी गई है। किसानों के फसल बीमा, मुआवजे, कर्जमाफी, चालू योजनाओं के संचालन के लिए 10441 करोड़ 61लाख 70 हजार करोड़ का इंतजाम किया गया है। वहीं पूंजीगत स्थाई खर्चों के लिए काफी कम राशि रखी गई है। निर्माण विभागों लोक निर्माण, जलसंसाधन, नगरीय प्रशासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में भी भरपूर राशि दी गई है।

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