इंदौर। संस्कार और शुचिता की दुहाई देने वाली भाजपा के कर्ताधर्ताओं ने कल ऐसा कारनामा कर दिखाया कि महिला कार्यकर्ता और कार्यक्रम में बैठे लोग सहम गए। यही नहीं नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे भी कार्यक्रम से उठकर चल दिए। बाद में जब आयोजकों को गलती मालूम पड़ी तो उन्होंने प्रस्तुति बंद करवाई। बताया जा रहा है कि एक भाजपा पार्षद के कहने पर ऐनवक्त पर यह प्रस्तुति जोड़ी थी।
दरअसल कल भाजपा के सांस्कृतिक प्रकोष्ठ द्वारा गांधी हॉल में विविधता में एकता कार्यक्रम का आयोजन रखा गया था, जिसमें भारत के अलग-अलग इलाकों में रहने वाले समाज के लोगों को बुलाया गया था। कार्यक्रम में विभिन्न राज्यों की संस्कृति को प्रदशिर्त करने वाले लोकनृत्यों की प्रस्तुतियां दी गर्इं। एक तो कार्यक्रम अतिथियों के इंतजार में एक घंटे देरी से शुरू हुआ। कार्यक्रम शुरू होने के पहले सांसद शंकर लालवानी भी आए और पांच मिनट में निकल गए।
पहली प्रस्तुति आदिवासी नृत्य की हुई। कार्यक्रम में नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे, वरिष्ठ नेता गोपीकृष्ण नेमा, सौगात मिश्रा, प्रदीप नायर सहित कई नेता और पार्षद पहुंचे थे। पहली प्रस्तुति के बाद एक छोटी-सी बच्ची स्टेज पर आई तो कार्यकर्ताओं ने तालियां बजाकर उसका स्वागत किया। लगा कि ये बच्ची भी किसी लोक संस्कृति की प्रस्तुति देगी, लेकिन गाना ऐसा था कि उसमें द्विअर्थी संवाद थे और उसके बोल भी ऐसे थे कि महिला कार्यकर्ता भी सहम गईं।
रणदिवे भी वहां से निकल गए। आयोजकों को जैसे ही गलती मालूम पड़ी तो उन्होंने गाना बंद कराकर बच्ची को स्टेज से उतार दिया। बड़े नेता भी इस प्रस्तुति से नाराज हुए। प्रकोष्ठ के अध्यक्ष एवं कार्यक्रम आयोजक पप्पू ठाकुर भी अचानक हुई इस प्रस्तुति पर नाराज हो गए और पता किया तो मालूम चला कि ये प्रस्तुति तो कार्यक्रम में थी ही नहीं। उनसे जब पूछा गया कि भाजपा में ऐसे कार्यक्रम होते हैं तो उनका कहना था कि पार्षद प्रणव मंडल ने ऐनवक्त पर ये नाम जुड़वा दिया था, लेकिन हमें मालूम नहीं था कि बच्ची द्वारा कौन-से गाने पर प्रस्तुति दी जाना है। इसका हमें खेद है।
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