भोपाल । मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की राजधानी भोपाल (Bhopal) में सड़क पर जा रही लड़की के साथ दुष्कर्म की कोशिश करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। पीड़ित लड़की घटना के 33 दिन बाद भी अस्पताल में जिंदगी के लिए लड़ रही है, लेकिन पुलिस (MP POLICE) इसे छेड़छाड़ का सामान्य मामला बताकर रफा-दफा करने की कोशिश में है। मामला सुर्खियों में आने के बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म की कोशिश और जानलेवा हमले की धाराएं लगाने के साथ जांच के लिए स्पेशव इनवेस्टिगेशन टीम बना दी है। पुलिस आरोपी को गिरफ्तार करने का दावा कर रही है, लेकिन जिस व्यक्ति को हिरासत में लिया गया है, उसका चेहरा दिखाना तो दूर, आवाज भी पीड़िता को नहीं सुनाई गई है।
मामला 16 जनवरी का है जब 24 वर्षीय सड़की भोपाल में जेके हॉस्पिटल (JK Hospital) से दानिश कुंज चौराहे की ओर इवनिंग वॉक के लिए निकली थी। सामने से आ रहे एक लड़के ने उसे अचानक धक्का देकर सड़क किनारे गड्ढे में गिरा दिया। लड़की की रीढ़ की हड्डी टूट गई। दरिंदा उसे झाड़ियों में लेकर चला गया और उसके साथ दुष्कर्म की कोशिश करने लगा। लड़की ने हाथ-पैर चलाने की कोशिश की तो उसने पास पड़ा पत्थर उठाकर सिर पर कई बार मारा। लड़की के रोने-चिल्लाने की आवाज सड़क से गुजर रहे एक युवक-युवती ने सुन ली। वे झाड़ियों की ओर आए तो आरोपी उन्हें देखते ही भाग खड़ा हुआ। उन्हीं दोनों ने फिर लड़की को एम्स (AIIMS) पहुंचाया जहां उसका इलाज चल रहा है।
पुलिस की भूमिका पर शक
पुलिस ने 17 जनवरी को एम्स जाकर मामले की जानकारी ली और घटनास्थल की वीडियो फुटेज (Video) भी ले लिया जिसमें आरोपी सामने से आता हुआ दिख रहा है। पुलिस पहले तीन दिन किसी परिचित द्वारा घटना को अंजाम देने की बात कहती रही। फिर 20 दिन बाद अचानक आरोपी को गिरफ्तार (arrest) करने का दावा किया। हालांकि, पीड़िता और उसके परिजनों के बार-बार आग्रह के बावजूद पुलिस ने अब तक आरोपी की पहचान (identification) नहीं कराई है।
उल्लेखनीय है कि 16 जनवरी को हुई घटना के बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ छेड़छाड़ और सामान्य मारपीट की धाराओं में FIR दर्ज की थी। मामला तूल पकड़ता देख दुष्कर्म की कोशिश और जानलेवा हमले की धाराएं भी जोड़ दी गई हैं। मामले की जांच एसआईटी को सौंपने के साथ कोलार थाने के टीआई को डीआईजी ने नोटिस जारी किया है।
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