भोपाल। परिवहन विभाग ने प्रदेश में दौड़ रहे यात्री वाहनों में व्हीकल लोकेशन ट्रेकिंग डिवाइस (वीएलटीडी) व आपातकालीन बटन को लगवाना अनिवार्य कर दिया है। एक अगस्त से इन उपकरणों को अनिवार्य किया गया है। यदि इन उपकरण के वाहन को चलाया जाता है तो कार्रवाई की जाएगी। यात्री वाहनों में लगे वीएलटीडी व आपातकालीन बटन की जांच के बाद कंट्रोल कमांड सेंटर से निगरानी के लिए डाटा फीड हो सकेगा।
भोपाल में 15 करोड़ 40 लाख की लागत से भोपाल में कंट्रोल कमांड सेंटर तैयार किया है। इस सेंटर की टेस्टिंग पूरी हो गई है और टेस्टिंग सफल रही है। यह विधिवत शुरू हो गया है। बस व टैक्सी डेटा इसमें फीड किया जाना है। बस, टैक्सी, कैब में लगने वाले वीएलटीडी व आपातकालीन बटन का डाटा फीड किया जाना है। जिन वाहनों का डाटा इस सेंटर में फीड हो जाएगा, उनकी 24 घंटे निगरानी की जाएगी। विभाग ने स्टैंडर्ड आफ प्रोसीजर(एसओपी) के अनुसार ये उपकरण लग सके, उसके लिए एसओपी जारी की गई थी। एआइएस 140 अनुरूप दोनों उपकरण लगाए जाने हैं। विभाग ने एआइएस 140 माडल फीड किए हैं। विभाग ने तिपहिया आटो को फिलहाल इसमें छूट दी है। इन उपकरणों को लगाने के लिए कमेटी बनाई है, जो उपकरणों की जांच के बाद सेंटर में डाटा फीड कराएगी।
यात्रियों की सुरक्षा के लिए लगाए गए उपकरण
बस, टैक्सी, कैब में महिला सुरक्षा की दृष्टि के हिसाब से लगाया जा रहा है। आकस्मिक स्थिति में कंट्रोल कमांड सेंटर को अलर्ट मिलेंगे। वाहन के रूट का अलर्ट मिलेगा। यदि निर्धारित रूट से अलग जाता है तो अलर्ट मिल जाएगा। जिस रूट का परमिट मिला है, उस पर ही दौड़ सकेगा। व्हीकल ट्रेकिंग डिवाइस व पावर केबिल हटाने पर कंट्रोल कमांड सेंटर में सूचना पहुंच जाएगी। वाहन का रिकार्ड आनलाइन संधारित किया जाएगा और यह तीन साल तक सुरक्षित रहेगा। वाहन मालिक अपनी गाड़ी का रियल टाइम लोकेशन ले सकेंगे। स्टाफ वाहन के साथ भी गड़बड़ी नहीं कर सकेंगे। कंट्रोल कमांड सेंटर का डाटा पुलिस से भी साझा किया जाएगा। जिसके चलते पुलिस से भी तत्काल मदद पहुंच जाएगी।
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