इंदौर। आयकर विभाग ने कटारिया समूह पर छापामार कार्रवाई की थी, जिसकी जांच अभी भी जारी है। इंदौर से लेकर चेन्नई तक इसके तार जुड़े नजर आ रहे हैं। कटारिया समूह का हुंडी चि_ी और फाइनेंस का तो बड़ा कारोबार है ही। साथ ही जमीनों, कृषि और अन्य क्षेत्र में भी तगड़ा निवेश किया है। अभी तक नकदी, सोने के आभूषणों और हुंडी चि_ी में 25 करोड़ रुपए से अधिक की जानकारी सामने आ चुकी है। दूसरी तरफ एसजीएसटी द्वारा बोगस फर्मों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई और मध्यप्रदेश की 350 फर्मों में 900 करोड़ रुपए से अधिक की टैक्स चोरी की है। वहीं पब रेस्टोरेंट, होटलों पर मारे गए छापों में भी लाखों रुपए की राशि विभाग ने जमा करवाई है। एक करोड़ रुपए से अधिक का करअपवंचन इन पब और रेस्टोरेंट से मिला है।
लोकसभा चुनाव की मतदान की प्रक्रिया 1 जून को ही सात चरणों में पूरी हो गई और उसके बाद अब आयकर छापे शुरू हो गए। शहर के भी तमाम कारोबारियों, रियल इस्टेट सहित अन्य क्षेत्रों को भी यह डर है कि अब चुनाव परिणामों के बाद इस तरह की कार्रवाई तेजी से बढ़ेगी, क्योंकि प्रधानमंत्री भी इस तरह के संकेत दे चुके हैं। अभी कटारिया समूह पर आयकर विभाग ने जो छापे डाले उसमें लगभग 14 किलो सोना और उसके आभूषण लगभग 5 करोड़ रुपए से अधिक कैश और साढ़े 9 करोड़ रुपए से अधिक की अन्य बहुमूल्य सामग्री जब्त की गई है।
खरगोन में भी आयकर विभाग ने कार्रवाई की और इंदौर में भी समूह से जुड़े ठिकानों पर छापे मारे हैं। हुंडी चि_ी, जिसके जरिए नकद ऋण दिया जाता है, के अलावा हलावा कारोबार, दाल मिल सहित अन्य धंधों में भी बड़े पैमाने पर निवेश किया गया है, जिसमें खेती के जरिए भी बड़ी आय होने, रियल इस्टेट यानी जमीनों की खरीद-फरोख्त से संबंधित दस्तावेज भी आयकर विभाग को मिले हैं। अब बैंक खातों, लॉकर सहित अन्य लेन-देन की जानकारी भी जुटाई जा रही है। आयकर विभाग का मानना है कि साजन नगर स्थित दाल मिल का संचालन सिर्फ दिखाने के लिए किया जाता है, जबकि असल काम हुंडी चि_ी और फाइनेंस के जरिए बड़ा-मोटा ब्याज कमाना रहा है। कटारिया समूह पर कई जो दस्तावेज जब्त हुए हैं उसके आधार पर संबंधितों से भी जानकारी ली जाएगी। एक जानकारीनेताओं से भी जुड़े लेन-देन की भी सामने आई है। हालांकि आयकर विभाग ने अभी तक इसके सहित की गई कार्रवाई का ब्योरा मीडिया को भी उपलब्ध नहीं कराया है। दूसरी तरफ जीएसटी विभाग द्वारा भी बोगस फर्मों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। अग्रिबाण ने ही अभी इसका खुलासा किया था, जिसमें अब पता चला कि सालभर में मध्यप्रदेश की 350 फर्मों ने फर्जी आईटीसी घोटाला किया है और 900 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी इन बोगस फर्मों के जरिए हासिल की, जिसमें 450 करोड़ सेंट्रल जीएसटी, तो उतनी ही राशि स्टेट जीएसटी की शामिल है।
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