डेस्क: संयुक्त अरब अमीरात ने भीख मांगने के जुर्म में 10 पाकिस्तानियों को गिरफ्तार किया है. इनमें 5 महिला और 5 पुरुष है. गिरफ्तार आरोपियों में से 8 आरोपी पाकिस्तान के पंजाब प्रांत तो 2 खैबर-पख्तूनवाह के रहने वाले हैं. सभी आरोपियों को यूएई के जेलों में भेजा गया है. जानकारी के मुताबिक भीख मांगने के लिए ये सभी पाकिस्तानी बकायदा पासपोर्ट और वीजा लेकर संयुक्त अरब अमीरात पहुंचे थे. अब भीख मांगने आरोप में गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान की सरकार इन आरोपियों को वापस देश लाने की कवायद में जुट गई है.
रमज़ान के महीने में संयुक्त अरब अमीरात की पुलिस भीख मांगने को लेकर सख्त अभियान चला रही है. इसी अभियान के दौरान पाकिस्तानी लोगों को पुलिस ने पकड़ लिया. ये पाकिस्तानी यूएई में दिरहम में भीख लेकर उसे पाकिस्तान भेज रहे थे. रमज़ान के दौरान यूएई में भीख मांगने को लेकर एक मिथक है. इसके मुताबिक संयुक्त अरब अमीरात में भीख मांगकर यहां के भीखारी करोड़पति बन जाते हैं. कहा जा रहा है कि यही मिथक सुनकर पाकिस्तानी यूएई पहुंचे थे.
पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक ये सभी लोग गैंग बनाकर यूएई भीख मांगने पहुंचे थे. यूएई से आने के बाद इन्हें पाकिस्तान के जेलों में भी रखा जाएगा. पाकिस्तान ने किरकिरी होने के बाद इन लोगों पर एक्शन लेने की बात कही है.
सूत्रों के मुताबिक यूएई में भीख मांगने के आरोप में 200 से ज्यादा लोगों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है. यूएई में भीख मांगना एक अपराध है और पकड़े जाने पर एक लाख रुपए तक क जुर्माना और तीन महीने तक की जेल हो सकती है. रमज़ान के महीने में भीख मांगने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हो जाती है. पुलिस के मुताबिक एक-एक भिखाड़ी एक दिन में 20-20 हजार रुपए तक भीख मांगकर इकट्ठा कर लेता है.
संयुक्त अरब अमीरात में तकरीबन 35 लाख भारतीय रहते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक इनमें से 40 प्रतिशत भारतीय व्हाइट कॉलर जॉब यानी बड़ी-बड़ी कंपनियों में काम करते हैं. यूएई में कई भारतीय अरबपति हैं. भारत और यूएई का संबंध वर्षों पुराना है. तेल और गैस के काम के लिए हर साल हजारों भारतीय यूएई जाते हैं.
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