इंदौर। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुपोषण को दूर करने के लिए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री को शाबाशी दी, लेकिन उसके उलट आंकड़े कुछ और ही बयां कर रहे हैं। इंदौर जिले में 731 अतिकुपोषित हैं तो 4589 पोषण की कमी से जूझ रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा राष्ट्रीय पोषण माह कार्यक्रम चलाया जाएगा।
सशक्त-सबल नारी, साक्षर बच्चा, स्वस्थ भारत की थीम पर महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा एक महीने का पोषण माह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। कलेक्टर कार्यालय में सांसद शंकर लालवानी, कलेक्टर मनीषसिंह के निर्देशन में समीक्षा बैठक आयोजित की गई, जिसमें दर्शाए गए आंकड़े कुपोषण की कहानी बयां कर रहे हैं। हालांकि लिंगानुपात में 956 का आंकड़ा छूकर इंदौर ने पहले नंबर पर आकर वाहवाही लूट ली, लेकिन 731 अतिकुपोषित और 4589 बच्चे पोषण की कमी से जूझ रहे हैं। कलेक्टर ने तीन माह के अंदर इस आंकड़े को 0 करने के निर्देश देते हुए कहा कि हर क्षेत्र के पार्षदों को भी इस मुहिम में शामिल किया जाए। वे अपने क्षेत्र की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता से संपर्क कर बच्चों को पोषण आहार उपलब्ध कराएं। बैठक में ललवानी ने विवाह के पूर्व कुंडली मिलान की जगह स्वास्थ्य रिपोर्ट मिलान की बात रखी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक क्षेत्र में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से विवाह के पूर्व मेडिकल जांच रिपोर्ट का मिलान का प्रचार-प्रसार किया जाए।
बीपी मशीन, सेडोमीटर और तौलकांटे का बैंक बनेगा
विभाग द्वारा आयोजित इस पोषण माह के आयोजन में 13 विभाग मिलकर 17 सहयोगी संगठनों के साथ जनजागरूकता फैलाने का काम करेंगे। विभाग ने इस आयोजन में एनएसएस व एनसीसी के कैडेटों को भी शामिल करने की पहल की है। रेडक्रॉस से जुड़े छात्र-छात्राएं, स्काउट एवं गाइड के बच्चे विभिन्न तरह की रैलियां निकालकर जनजाग्रति फैलाएंगे। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलों में हर महीने स्वास्थ्य कैंप आयोजित करने के साथ-साथ आयरन, कैल्शियम की गोलियों का वितरण किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगाए जा रहे टीकों का वृहद रूप से आयोजन किया जाएगा। महिला एवं बाल विकास विभाग की पहल पर अब आंगनवाड़ी केंद्रों के लिए जरूरी उपयोगी संसाधनों का बैंक तैयार किया जाएगा, जिसमे बीपी मशीन, सेडोमीटर, तौलकांटे आदि का भंडारण रहेगा।
आयुष विभाग के सेल और चूर्ण से पहुंचा लाभ
बैठक में डाक्टरों की टीम ने जहां बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण की बात कही, वहीं महिला एवं बाल विकास अधिकारी ने आयुष विभााग द्वारा दिए जा रहे महामाज तेल और सूरजने की फली के चूर्ण से कुपोषण से लडऩे में सहायता की बात कही, जिसे कलेक्टर ने विभाग द्वारा जारी पोषण पैक में शामिल करने के निर्देश दिए। पंचायत स्तर पर विभिन्न तरह की पंचायतें आयोजित करके कुपोषण से लड़ा जाएगा। वहीं शहरभर के मेटरनिटी अस्पतालों के स्टाफ को ट्रेनिंग भी दी जाएगी।
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