नई दिल्ली (New Delhi)। भारत तेजी से भागती अर्थव्यवस्था (India fast running economy) वाला देश है! मोदी सरकार (Modi government) का दावा है कि देश की आर्थिक रफ्तार बढ़ाने के लिए वो कर संभव प्रयास कर रही है। भारत में बिजनेस (business in india) करना आसान बनाया गया है और कारोबारियों को तमाम तरह की रियायतें मिल रही हैं. इसके बावजूद बड़ी संख्या में अमीरों का देश छोड़कर जाना चौंकाने वाला है।
देश से अमीरों का विदेशों में शिफ्ट करने का सिलसिला इस वर्ष 2023 में जारी रहने वाला है। दुनियाभर में वेल्थ और इवेंस्टमेंट माइग्रेशन पर नजर रखने वाले हेनले प्राइवेट वेल्थ माइग्रेशन रिपोर्ट 2023 (Henley Private Wealth Migration Report, 2023) के मुताबिक 2023 में करीब 6500 एचएनडब्ल्युआई (HNWIs) यानि हाई नेटवर्थ इंजिविजुअल (High-Networth Individuals ) भारत छोड़कर विदेश जा सकते हैं।
भारत के टैक्स कानून और उसकी जटिलताओं को चलते भी निवेश का माइग्रेशन देखने को मिल रहा है. दुबई और सिंगापुर ऐसे अमीरों यानि एचएनडब्ल्युआई का पसंदीदा डेस्टीनेशन है. सोशल मीडिया पर इसे लेकर वित्त मंत्रालय की आलोचना भी हो रही है. इंफोसिस के बोर्ड के पूर्व सदस्य रहे टी वी मोहनदास पाई ने ट्वीट करते हुए लिखा कि वित्त मंत्रालय ने हाई-नेटवर्थ इंजिविजुअल का जीना मुश्किल कर दिया है. टैक्स के आतंक के साथ टीसीएस जैसे जटिल टैक्स अनुपालन के नियम है जिसे सरल किए जाने की दरकार है।
हेनले एंड पार्टनर्स में प्राइवेट क्लाइंट्स देखने वाले डॉमनिक वोलेक के मुताबिक ज्यादा से ज्यादा निवेशक सेफ्टी और सिक्योरिटी से लेकर शिक्षा और स्वास्थ्य, क्लाइमेट चेंज और क्रिप्टो के प्रति प्रेम के चलते अपने परिवारों को दूसरी जगहों पर शिफ्ट कर रहे हैं. 10 देश में 9 देश जहां सबसे ज्यादा इन एचएनडब्ल्युआई का इंफ्लो 2023 में देखने को मिलेगा वे इंवेस्टमेंट को प्रोत्साहन के साथ नागरिकता प्रदान करते हैं. ऐसे निवेशक जिनके पास निवेश करने लायक एक मिलियन डॉलर या उससे ज्यादा की संपत्ति होती है ऐसे निवेशक हाई-नेटवर्थ इंजिविजुअल मिलियनायर की श्रेणी में आते हैं।
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