इंदौर। इंदौर (Indore) नगर निगम (Municipal Corporation) में नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे (Chintu Chouksey) ने कहा है कि महापौर पुष्यमित्र भार्गव (Pushyamitra Bhargav) के कार्यकाल के 2 साल ने इंदौर को नंबर वन स्मार्ट सिटी से नंबर वन बदहाल सिटी (Number One Bad City) बना दिया है। कल शहर की जनता ने जल जमाव, यातायात जाम के साथ जो कुछ भुगता है उसके लिए निगम और खास तौर पर महापौर की लापरवाही जिम्मेदार है। बारिश का मौसम (Rainy Season) शुरू होने से पहले ना तो नालें की सफाई कर गाद निकाली गई और न हीं सड़क के गड्ढे भरे गए।
चौकसे ने आज पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि इंदौर में 5 और 7 इंच बारिश हो जाने पर भी ऐसा जल जमाव नहीं होता था, जैसा जल जमाव अब मात्र डेढ़ दो इंच बारिश में शहर की सड़कों में हो जाता है। कल तो शहर में बारिश ज्यादा हुई थी लेकिन इस पानी के निकासी की कोई व्यवस्था निगम के द्वारा नहीं की गई थी। बारिश का मौसम शुरू होने से पहले हमेशा नगर निगम की ओर से तैयारी की जाती है। इस तैयारी के अंतर्गत नाले की सफाई कर उसमें जमी हुई गाद निकाली जाती है जिससे कि नाले में पानी का फ्लो बराबर हो जाता है। इसके साथ ही निगम के द्वारा सभी सड़कों के पैच वर्क का कार्य कर दिया जाता है। ताकि पानी गिरने पर सड़क पर जब पानी जमा हो तो नागरिक आसानी से गाड़ी लेकर निकल सके। उन्हें इस बात की आशंका न रहे की पानी के नीचे सड़क है या गड्ढा है।
चौकसे ने कहा कि पुष्यमित्र भार्गव के कार्यकाल के दो वर्ष हो गए हैं। यह दो वर्ष नगर निगम के लिए बदहाली के दो वर्ष के रूप में पहचाने जा रहे हैं। कल हुई बारिश और उसके बाद बने हालात निश्चित तौर पर स्मार्ट सिटी में नंबर वन कहलाने वाले शहर को बदहाली में नंबर वन बताने वाले हैं। यह कितना चिंताजनक है कि जब सारा शहर डूबा हुआ था उस समय पर नगर निगम केवल यह दावा करने में लगा हुआ था कि हमने अपनी टीम को अलर्ट कर दिया है। निगम की सारी टीम आखिर क्या कर रही थी? जब भी इस तरह की स्थिति बनती है तब निगम के द्वारा नाला टैपिंग के नाम पर किए गए 2000 करोड़ रुपए के खर्चे पर सवाल उठते हैं। इन सवालों का कोई जवाब आज तक निगम नहीं दे पाया है और न हीं नाला टैपिंग के नाम पर हुए कामकाज की जांच करवा पाया है।
चौकसे ने कहा कि बारिश का मौसम शुरू होने से पहले जल भराव वाले क्षेत्रों को चिन्हित कर वहां से पानी की निकासी की व्यवस्था की जाती है। इस काम को भी नगर निगम के द्वारा इस वर्ष नहीं किया गया। प्रदेश सरकार के भरपूर असहयोग के चलते हुए नगर निगम अपने आप को असहाय महसूस कर रहा है। हमारे महापौर के मुंह में दही जमा हुआ है। वह इंदौर के अधिकार के लिए आवाज भी नहीं उठा पा रहे हैं। इंदौर की जनता के लिए यह बहुत शर्मनाक है कि उसके द्वारा चुना गया महापौर अपने राजनीतिक हित को पूरा करने के लिए शहर की जनता को बदहाली की स्थिति के बावजूद खामोशी की चादर ओढ़ कर सो जाता है।
चौकसे ने कहा कि पिछले दिनों महापौर पुष्यमित्र भार्गव के द्वारा एक बड़ा इवेंट आयोजित किया गया था। इस इवेंट के माध्यम से यह दावा किया गया था कि इंदौर शहर के यात्रा को संभालने का काम 1000 ट्रैफिक मित्रों के द्वारा किया जाएगा। इस कार्यक्रम में यह सभी 1000 ट्रैफिक मित्र भी तैयार किए गए थे और उन्हें शपथ भी दिलाई गई थी। इस कार्यक्रम में प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने भी कहा था कि वह भी चौराहे पर ट्रैफिक मित्र की तरह खड़े होकर यातायात संभालेंगे। इसी तरह से महापौर पुष्यमित्र भार्गव के द्वारा स्वयं भी यातायात संभालने का काम करने का ऐलान किया गया था। जब शुक्रवार के दिन शहर में बारिश हो रही थी और बारिश रुकने के बाद भी जब यातायात जाम पड़ा हुआ था तब इनमें से एक भी ट्रैफिक मित्र कहीं भी नजर नहीं आ रहा था। विजयवर्गीय अपनी राजनीति करने के कार्य में लगे हुए थे तो भार्गव बंद कमरे में बैठे हुए थे। ऐसे मौके पर इनमें से किसी भी ट्रैफिक मित्र को सड़क पर आकर ट्रैफिक संभालने की याद नहीं आई।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved