भोपाल। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ (Congress state president Kamal Nath) ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर कहा कि मध्यप्रदेश में सौदा कर शिवराज सरकार (Shivraj Sarkar) बैठी है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि 17 वर्षों में जितने भी घोटाले किए है। उन सैकड़ों घोटालों में पोषण आहार घोटाला घोटालों का सरताज है। महिला बाल विकास विभाग के तहत पूरक पोषण आहार कार्यक्रम में 6 माह से 3 साल के दुधमुंहे बच्चों, गंभीर रूप से कुपोषित और कमजोर बच्चों, गर्भवती बहनों, धात्री माताओं और स्कूल छोड़ चुकी किशोर युवतियों के लिये टेक होम राशन योजना संचालित है, ताकि बच्चों और माताओं-बहनों को जीवन के लिए आवश्यक खाद्य सामग्री सुनिश्चित हो सके।
शिवराज सरकार ने टेक होम राशन योजना में हजारों करोड़ रूपये का घोटाला कर दिया है। मध्यप्रदेश में भाजपा सरकार की 17 वर्ष से चल रही ‘घोटाला बेब सीरीज’ में अब शिवराज सरकार पोषण आहार घोटाले लेकर आम जनता के सामने खड़ी है। कमलनाथ ने कहा कि पोषण आहार घोटाले को सरल शब्दों में इस प्रकार समझा जा सकता है कि ‘जापे के जो लड्डू कभी बनाये ही नहीं गये, वो शिवराज सरकार ने माताओं और बहनों को सरकारी रिकार्ड में बांटना बतायें हैं’, ‘स्कूल न जाने वाली जितनी किशोरी युवतियां गांवों में हैं ही नहीं, उनको भी सरकार ने घर-घर जाकर बरफी बांट दी।
‘सैकड़ों-हजारों क्विंटल लड्डू और बरफी शिवराज सरकार ने मोटर साईकिल, टेंकर और ऑटो से गांव-गांव पहुंचाने का असम्भव काम करना सरकारी रिकार्ड में बताया है। सीधा मतलब है लड्डू-बरफी कोई और ही खा गया। कमलनाथ ने कहा कि ‘सरकारी रिकार्ड में जो हलवा, खिचड़ी, बरफी और लड्डू बांटना बता दिया गया है, वो न तो कभी आंगनबाड़ी केन्द्र पहुंचना और न ही कभी बंटा। सबसे बड़ी बात ‘जो थोड़ा बहुत लड्डू-बरफी बना वह भी घटिया सामग्री से घटिया ही बनाया गया।
कुल मिलाकर माताओं-बहनों और बच्चों को यदि कुछ मिला होगा तो वह भी सबसे घटिया ही मिला होगा।’यह है शिवराज सरकार की पोषण आहार योजना। कमलनाथ ने बताया कि शिवराज सरकार के सरकारी रिकार्ड के अनुसार कोरोना के लॉकडाउन के समय जब न कोई घर से बाहर निकल रहा था और न ही कोई वाहन चल रहे थे, तब भी शिवराज सरकार ने गांव-गांव पोषण आहार पहंुचाया और घर-घर बांटा।
कमलनाथ ने सरकार से मांग की है कि प्रदेश की जनता के साथ छलकपट करते हुए अंजाम दिये गये इस घोटाले की जिम्मेदारी ले और नैतिकता के आधार पर सरकार इस्तीफा दे। साथ ही घोटालेबाजों को जनता के सामने बेनकाव करे। पिछले 17 वर्षों में हुये पोषण आहार घोटाले की निष्पक्ष एवं स्वतंत्र जांच कराने का निर्णय सरकार ले। अन्यथा कांग्रेस पोषण आहार के इस महाघोटाले को लेकर जनता की अदालत में जायेगी और बहन-बेटियों और बच्चों को न्याय दिलाकर रहेगी।
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