5 हजार बच्चों को सिखाया गुड टच बेड टच
समझाया…गुड टच-बेड टच, काउंसलिंग के बाद शिकायत
दोषियों को दिलाया जाएगा दंड
इंदौर। अपनों की ही प्रताडऩा के शिकार हुए 12 बच्चे उस वक्त सुबक-सुबक कर रोने लगे, जब उन्हें गुड टच और बेड टच (Good touch and bad touch) की परिभाषा सिखाई गई। किसी के पिता, किसी के चाचा तो पड़ोसी ही उनके साथ बेड टच कर रहे थे और बच्चे गंदा अहसास होने के बाद भी आवाज नहीं उठा पा रहे थे। पांच हजार बच्चों में कइयों ने जहां शिक्षकों को धन्यवाद दिया तो कई जागरूकता के प्रहरी बन गए। अब इन 12 बच्चों की काउंसलिंग कर अपराधियों को दंड दिलाया जाएगा।
शहर की एक संस्था ने देश की बेटियों को आत्मसुरक्षा सिखाने के साथ-साथ आत्मनिर्भर बनाने का भी बीड़ा उठाया है। इसी कड़ी में पिछले कई महीनों से स्कूली बच्चों को जहां गुड टच-बेड टच से परिचित कराया जा रहा है, वहीं 12वीं कक्षा से कॉलेज तक में पढ़ रहीं छात्राओं को आत्मरक्षा के गुर सिखाए जा रहे हैं। अब देश की बेटी निर्भय निर्भया नहीं के लक्ष्य को पूरा करने के लिए अब तक संस्था ने इंदौर के 100 स्कूलों के बच्चों को प्रशिक्षित किया है। इसमें चौंकाने वाले मामले सामने आए हैं। संस्था की डॉ. दिव्या गुप्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि इन सभी बच्चों की काउंसलिंग की जाएगी। माता-पिता के संज्ञान में मामला लाया जाएगा और इसके बाद यदि मामले सही पाए गए तो उक्त अपराधियों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। संस्था एक साथ पांच हजार बच्चों को बुलाकर वल्र्ड रिकार्ड बनाने की तैयारी कर रही है, जहां एक साथ सभी आत्मरक्षा के सीखे गुरों का प्रदर्शन करेंगे। बच्चों को ट्रेनिंग दे रहे मुख्य ट्रेनर कार्तिक पटेल और राखी सिकरवार ने बताया कि 1500 बच्चियों के साथ 200 बच्चों को भी ट्रेनिंग दी गई है, क्योंकि शोषण की घटनाएं सिर्फ महिलाओं के साथ ही नहीं पुरुषों के साथ भी हो रही है और उन्हें भी इस बेड टच को ना कहना आना चाहिए।
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