उज्जैन। आज से 11 दिन पहले जिले में 12 से 14 साल तक के स्कूली बच्चों को कोरोना रोधी वैक्सीन के डोज लगना शुरु हुए थे। तब से लेकर अब तक पूरे जिले में 33 हजार से ज्यादा बच्चे वैक्सीन का पहला डोज लगवा चुके हैं। इधर आज से निजी स्कूलों में नया शिक्षा सत्र शुरु हो गया है। इसके बाद अब बच्चों के टीकाकरण में और तेजी आने की बात कही जा रही है। जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. के.सी. परमार ने बताया कि राज्य शासन के निर्देश के साथ ही उज्जैन जिले में 12 से 14 साल तक की आयु के स्कूली बच्चों का वैक्सीनेशन शुरु कर दिया गया था। रंगपंचमी के दूसरे दिन 23 मार्च से अभियान की शुरुआत हुई थी और इसके साथ ही बच्चों के स्कूलों में 169 टीकाकरण केन्द्र बनाए गए थे। इनमें से 20 सेंटर उज्जैन के विभिन्न स्कूलों में खोले गए थे। उन्होंने कहा कि अभियान की शुरुआत के बाद से ही बच्चों की परीक्षाएँ शुरु हो गई थी।
बावजूद इसके अभियान के पिछले 11 दिनों में पूरे उज्जैन जिले में 33 हजार 700 बच्चों को वैक्सीन का पहला डोज लगाया जा चुका है। जिले में इस आयु वर्ग के 78 हजार 300 बच्चों को वैक्सीन लगाने का स्वास्थ्य विभाग का लक्ष्य है। इसके मुकाबले अब तक 12 से 14 साल के 45 प्रतिशत बच्चों को वैक्सीन का पहला टीका लगाया जा चुका है। इधर आज से निजी स्कूलों में नए शिक्षण सत्र की शुरुआत कर दी गई है। शहर के अधिकांश निजी स्कूलों में आज से पढ़ाई शुरु हो गई है। आज सुबह स्कूल पहुँचे बच्चों को मंगल तिलक लगाकर स्वागत के साथ स्कूलों में प्रवेश दिया गया। जिला टीकाकरण अधिकारी ने बताया कि स्कूल खुलने के बाद आज से 12 से 14 वर्ष की आयु तक के बच्चों के टीकाकरण अभियान में और तेजी आ जाएगी। जल्द ही यह लक्ष्य पूरा कर लिया जाएगा।
बूस्टर डोज भी लग रहे
उन्होंने कहा कि जिले में निर्धारित केन्द्रों पर लगातार नागरिकों को बूस्टर डोज लगाए जा रहे हैं। जिन लोगों को वैक्सीन का दूसरा डोज लगवाने के बाद 9 से 12 माह का समय गुजर गया है वह इसकी पात्रता के दायरे में आ रहे हैं। अनिवार्यता नहीं होने की वजह से संभवत: यह अभियान अभी धीमा चल रहा है।
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