इस्लामाबाद: पाकिस्तान की राजनीति (politics of pakistan) के लिए आज अहम दिन हैं. क्योंकि नेशनल असेंबली (National Assembly) में वोटिंग होनी है. लिहाजा इमरान खान सरकार (Imran Khan government) रहेगी या नहीं, ये तो वोटिंग के बाद ही तय होगा. बता देें कि इमरान को सत्ता बचाने के लिए 172 का जादुई आंकड़ा छूना होगा. वहीं विपक्षी दल ने भी कमर कस ली है.
इमरान खान के दो करीबी मंत्रियों (ministers) ने ट्विटर पर अपना प्रोफाइल बदल लिया है. इनमें पहला नाम पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी (Shah Mahmood Qureshi) और दूसरा नाम सूचना मंत्री फवाद चौधरी (Fawad Chaudhry) का है. दोनों मंत्रियों ने ट्विटर पर अपना प्रोफाइल बदलकर पूर्व मंत्री (former minister) कर लिया है. हालांकि इमरान खान ने अपने नाम के आगे अब भी पीएम लगा रखा है.
अपनी सरकार बचाने के लिए जूझ रहे इमरान खान (Imran Khan) आखिरी वक्त तक हथियार डालने को तैयार नहीं हैं. उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ रिव्यू पिटिशन दायर किया है. पार्टी का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में विदेश हस्तक्षेप की थ्योरी पर विचार नहीं किया. इसलिए वह दोबारा से मामले की सुनवाई करे.
सुप्रीम कोर्ट ने 7 अप्रैल को सुनाए अपने आदेश में इमरान खान सरकार को बड़ा झटका दिया था. कोर्ट ने अपने फैसले में नेशनल असेंबली (National Assembly) में अविश्वास प्रस्ताव खारिज करने के डिप्टी स्पीकर के फैसले को अवैध ठहराया था. साथ ही इस मुद्दे पर 9 अप्रैल को असेंबली में वोटिंग कराने का भी आदेश दिया था.
नेशनल असेंबली में इमरान सरकार के खिलाफ पेश अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से पहले विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी (Shah Mahmood Qureshi) ने विदेशी हस्तक्षेप का राग अलापा. कुरैशी ने कहा कि पर्दे के पीछे से देश की सरकार बदलने की कोशिश हो रही है. इतिहास की कलम बड़ी क्रूर होती है, यह किसी को माफ नहीं करती. हमें तय करना है कि एक राष्ट्र के रूप में हमें कैसे रहना चाहिए. क्या खरीद-फरोख्त का प्रयास संवैधानिक था?
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