इस्लामाबाद। अफगानिस्तान (Afghanistan) पर कब्जा करने वाले तालिबान(Taliban) की शान में कसीदे गढ़ने वाले पाकिस्तान (Pakistan) ने हमेशा अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी इस कट्टरपंथी संगठन का समर्थन किया है। अब इमरान खान (Imran Khan) पाकिस्तान में तालिबान की तरह ही शरिया कानून (sharia law) लागू करना चाहते हैं। इसी के मद्देजनर इमरान खान (Imran Khan) ने रहमतुल लील आलमीन अथॉरिटी के गठन(Formation of Rahmatul Lil Alameen Authority) का एलान किया।
इमरान के इस फैसले ने साफ जाहिर कर दिया है वह पाकिस्तान को किस दिशा में ले जाना चाह रहे हैं। अगर सही मायनों में कहें तो पीएम इमरान खान ने पाकिस्तान में तालिबान की नींव रख दी है। इमरान का असली मकसद इस अथॉरिटी के जरिए पाकिस्तान की शिक्षा व्यवस्था को शरिया के मुताबिक बदलना है।
तालिबान की शुरुआत भी छात्र संगठन के रूप में हुई थी
अगर तालिबान के इतिहास की बात करें तो तालिबान एक कट्टरपंथी संगठन है इसकी शुरुआत भी छात्र संगठन के रूप में हुई थी, ये भी खुद को इस्लाम का पैरोकार और शरिया का पालनकर्ता बताते हैं। वहीं इमरान ने कई जगहों पर अहिंसा का समर्थन किया है लेकिन शरिया के नाम पर क्रूरता करने वाले संगठन की इमरान तारीफ करते देखे गए हैं। इससे साफ पता चलता है कि वह अपने देश को भी तालिबान के रास्ते पर ले जाता चाहते हैं।
अथॉरिटी में शामिल होंगे विद्वान
इमरान खान ने इस्लामाबाद में ‘अशरा-ए-रहमत-उल-लिल-अलामिन’ सम्मेलन को संबोधित किया और इस दौरान उन्होंने कहा कि इस नई अथॉरिटी में विद्वानों को शामिल किया जाएगा और इनको इस बात पर शोध करने का काम सौंपा जाएगा कि बच्चों और वयस्कों के बीच पैगंबर की शिक्षाओं को कैसे फैलाया जाए। साथ ही दुनिया को यह बताना होगा कि असल में इस्लाम क्या है?
पाक पीएम इमरान खान ने कहा कि इस अथॉरिटी के जरिए स्कूलों के पाठ्यक्रम की निगरानी की जाएगी। साथ ही अथॉरिटी का हिस्सा होने वाले विद्वान ये हमें बताएंगे कि क्या पाठ्यक्रम को बदलने की जरूरत है। साथ ही उन्होंने कहा कि कि इस अथॉरिटी के जरिए दूसरे धर्मों की भी शिक्षा दी जाएगी।
कार्टून दिखा रहे विदेशी संस्कृति
इमरान खान ने कहा कि अथॉरिटी को अपनी संस्कृति के मुताबिक कार्टून बनाने का काम भी दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कार्टून हमारे बच्चों को विदेशी संस्कृति दिखा रहे हैं। हम उन्हें रोक नहीं सकते हैं, लेकिन उन्हें विकल्प दे सकते हैं।
साथ ही कहा इमरान खान ने कहा कि अथॉरिटी पाकिस्तानी समाज पर पश्चिमी सभ्यता के फायदे नुकसान का भी आकलन करेगा। उन्होंने कहा कि जब आप देश में पश्चिमी सभ्यता लाते हैं, इसका आकलन करने की भी जरूरत है कि इसका हमें क्या नुकसान हो रहा है। बता दें कि शरिया कानून दुनिया का सबसे खतरनाक कानून है इसमें चोरी करने वाले इंसान के दोनों हाथ काट दिए जाते हैं।
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