इस्लामाबाद: आतंकवाद को बढ़ावा देने वाला पाकिस्तान अब आतंकियों (Terrorists) को सामान्य जीवन का तोहफा देना चाहता है. पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी (Fawad Chaudhary) ने इमरान खान सरकार की इस योजना को सार्वजनिक किया. उन्होंने कहा कि सरकार हिंसा छोड़कर संविधान को अपनाने के इच्छुक आतंकवादियों को एक मौका देना चाहती है. चौधरी ने एक कैबिनेट बैठक के बाद मीडिया से यह बात कही. बैठक में, मुल्क में वर्तमान सुरक्षा हालात सहित कई मुद्दों पर चर्चा हुई.
दबाव का नतीजा है ये योजना?
इमरान के मंत्री फवाद चौधरी ने कहा कि प्रतिबंधित संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) से संबद्ध कुछ समूह हिंसा छोड़ना चाहते हैं और सरकार भी उन्हें सामान्य जीवन में लौटने का एक मौका देना चाहती है. माना जा रहा है कि आतंकियों को तोहफा देने की सरकार की ये योजना कुछ और नहीं बल्कि कट्टरपंथी संगठन के बढ़ते दबाव का नतीजा है. बता दें कि सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने एक दिन पहले सांसदों को राष्ट्रीय सुरक्षा हालात के बारे में जानकारी दी थी. चौधरी ने सोमवार को कहा था कि सरकार और प्रतिबंधित संगठन के बीच संघर्षविराम समझौता हुआ है.
TTP के साथ संघर्ष विराम
पाकिस्तानी अधिकारियों ने पिछले 14 वर्षों में सुरक्षा बलों और आम नागरिकों पर कई हमलों के जिम्मेदार प्रमुख आतंकवादी संगठन के साथ एक महीने के संघर्ष विराम की घोषणा की है. सरकार के प्रवक्ता फवाद चौधरी ने ट्विटर पर कहा था कि अफगानिस्तान में तालिबान सरकार ने प्रधानमंत्री इमरान खान और ‘तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान’ या टीटीपी के बीच संघर्ष विराम को कायम करने में मदद की.
बातचीत करते रहेंगे दोनों पक्ष
एक बयान में, टीटीपी के प्रवक्ता मोहम्मद खुरासानी ने पुष्टि की है कि नौ नवंबर से शुरू हुआ संघर्ष विराम नौ दिसंबर तक रहेगा, इस दौरान दोनों पक्ष बातचीत जारी रखने के लिए एक समिति बनाएंगे. उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष संघर्ष विराम का पालन करेंगे. सरकार और टीटीपी के बीच पिछले महीने शुरू हुई शांति वार्ता के बीच यह समझौता हुआ है. चौधरी ने कहा कि अगर वार्ता आगे बढ़ती रही तो संघर्ष विराम को बढ़ाया जा सकता है.
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