नई दिल्ली। कश्मीर (Kashmir) को लेकर पाकिस्तान का झूठ एक बार फिर आया सबके सामने। इमरान खान की सरकार ने बीते शुक्रवार को दावा किया था कि कश्मीर को लेकर पाकिस्तान प्रायोजित एक प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने आम सहमति से अपना लिया है।
पाकिस्तान (Pakistan) ने कहा था कि यह प्रस्ताव भारतीय के कश्मीरियों के आत्मनिर्णय के अधिकार (Rights of Indian Kashmiris to self-determination) का समर्थन करता है। लेकिन अब पाकिस्तान का यह दावा गलत साबित (claim proved wrong) हुआ है। क्योकि प्रस्ताव में कश्मीर या कश्मीर (Kashmir or Kashmir) की स्थिति का कोई उल्लेख नहीं किया गया है। संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव में कश्मीर को लेकर कोई बात नहीं हुई है। संयुक्त राष्ट्र में इस तरह के प्रस्ताव को पिछले एक दशक से अपनाया गया है, जोकि मूल रूप से फिलीस्तीन (Palestine) के संदर्भ में तैयार किए गए थे। ऐसा कोई प्रस्ताव कश्मीर के लिए तैयार नहीं किया गया।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय (foreign Ministry) की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया था कि, ‘संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly) ने शुक्रवार को पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित एक प्रस्ताव को आम सहमति के साथ अपना लिया है जिसका शीर्षक है- लोगों के आत्मनिर्णय के अधिकार का सार्वभौमिक अहसास (Universal Realisation of the Right of the Peoples to Self-Determination)। यह प्रस्ताव स्पष्ट रूप से गुलामी, विदेशी वर्चस्व और विदेशी कब्जे के तहत आने वाले सभी लोगों के आत्मनिर्णय के अधिकार का समर्थन करता है। इसमें भारतीय कब्जे वाला कश्मीर भी शामिल हैं’।
पाकिस्तान (Pakistan) के विदेश मंत्रालय (foreign Ministry) ने कहा कि 72 देशों द्वारा प्रायोजित इस प्रस्ताव को यूनाइटेड नेशंस के सभी देशों का समर्थन मिला। पाकिस्तान का कहना है कि आत्मनिर्णय के अधिकार के सार्वभौमिक चरित्र (universal character) के कारण सभी देश इसके समर्थन में आए हैं। पाकिस्तान ने कश्मीर का मुद्दा हाल ही में इस्लामिक देशों के संगठन ओआईसी (Organization of Islamic countries OIC) में भी उछाला था। बीते रविवार को ओआईसी की इस्लामाबाद (OIC’s Islamabad) में विशेष बैठक हुई थी। इस दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और ओआईसी महासचिव हिसेन इब्राहिम ताहा के बीच बातचीत हुई थी।
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