नई दिल्ली। पाकिस्तान (pakistan) से गुरुवार को प्रकाशित अधिकांश समाचारपत्रों ने रूस के विदेश मंत्री (Russian Foreign Minister) की पाकिस्तान यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री इमरान खान और सेना अध्यक्ष जनरल कमर बाजवा से मुलाकात से सम्बंधित खबरें प्रकाशित की हैं। इस मौके पर रूसी विदेश मंत्री ने प्रधानमंत्री इमरान खान (Prime Minister Imran Khan) से मुलाकात के दौरान कश्मीर समस्या और अफगानिस्तान विवाद (Kashmir problem and Afghanistan dispute) को बातचीत से हल करने पर जोर दिया है।
अखबारों का कहना है कि इमरान खान ने इस मौके पर कहा है कि अमन को बहाल करना वक्त की अहम जरूरत है। रूस के साथ ऊर्जा व्यापार और तमाम क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देना है। इस अवसर पर रूसी कोरोना वायरस वैक्सीन को पाकिस्तान में तैयार किए जाने का भी फैसला लिया गया है।
अखबारों ने ईरान और अमेरिका (Iran and America) के बीच सम्बंधों को बेहतर बनाने के मामले पर यूरोपीय यूनियन, अमेरिका और ईरान के बीच हुई बातचीत को कामियाब करार देने से सम्बंधित खबरें भी दी हैं। अखबारों का कहना है कि अमेरिका ने ईरान के साथ परमाणु समझौते के लिए आयोजित बैठक के पहले दौर को कामियाब करार दिया है। इसके साथ ही ईरान पर जारी अमरीकी पाबंदियों पर बातचीत के लिए वर्किंग ग्रुप बनाने पर भी राजी होने की खबरें अखबारों ने दी हैं।
अखबारों ने लाहौर हाईकोर्ट का एक फैसला काफी अहमियत से छापा है। इस फैसले में अदालत ने कहा है कि रमजान में चीनी 85 रुपये किलो के हिसाब से आम लोगों को उपलब्ध कराई जानी चाहिए। शुगर मिल मालिकों ने आरोप लगाया है कि सरकार गैर कानूनी तरीके से चीनी 80 रुपये किलो खरीद रही है।
अखबारों ने सेना को निशाना बनाने और उसे आरोपों के कठघरे में खड़े करने से सम्बंधित कानून पास किए जाने की खबर भी दी है। इस कानून के तहत ऐसे व्यक्तियों को 2 साल की कैद और 5 लाख रुपये का जुर्माना अदा करना पड़ सकता है। नए कानूनों के तहत सिविल अदालत में केस चलेगा। इस कानून का मुस्लिम लीग नवाज व अन्य राजनीतिक दलों ने विरोध किया है।
अखबारों ने पाकिस्तान में हुई जनगणना के परिणामों को लेकर राजनीतिक दलों के बीच विवाद होने की खबर दी है। इस सिलसिले में कल प्रधानमंत्री इमरान खान ने सभी चारों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक करके मामले को सुलझाने का प्रयास किया लेकिन यह मामला अभी उलझा ही नजर आ रहा है। पंजाब और खैबरपख्तूनख्वा का कहना है कि जनगणना के परिणामों को जारी किया जाना चाहिए जबकि सिंध और बलूचिस्तान ने इसका विरोध किया है। इस मामले को सुलझाने के लिए अगली बैठक सोमवार को तलब की गई है। यह सभी खबरें रोजनामा औसाफ, रोजनामा जिन्नाह, रोजनामा नवाएवक्त, रोजनामा खबरें, रोजनामा पाकिस्तान और रोजनामा जंग ने अपने पहले पृष्ठ पर प्रकाशित की हैं।
पाकिस्तान की प्रसिद्ध फिल्मी अभिनेत्री इफ्फत उमर के जरिए अपने राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल करके कोरोना वायरस की वैक्सीन लगाने के आरोपों में चौतरफा विरोध का निशाना बनाया जा रहा है। रोजनामा खबरें ने अपनी खबर में बताया है कि फिल्म अदाकारा को कोरोना वायरस वैक्सीन लगाए जाने की खबर सामने आने के बाद उन्हें उनके प्रशंसकों के जरिए निशाना बनाया जा रहा है। अखबार का कहना है कि इफ्फत उमर ने अपने असर रसूख का इस्तेमाल करके अपनी बारी आने से पहले कोरोना वायरस वैक्सीन लगवाया है जिसको लेकर विवाद छिड़ गया है। इसके लिए इफ्फत उमर को भी शर्मिंदगी हुई है। ऐसा उन्होंने अपने प्रशासन को के विरोध के बाद कहा है।
रोजनामा औसाफ ने अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के हवाले से एक खबर काफी अच्छी तरह प्रकाशित की है। इस खबर में बताया गया है कि अमेरिका, भारत-पाकिस्तान के बीच कश्मीर सहित सभी विवादों को बातचीत के जरिए हल कराना चाहता है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि अमेरिका दोनों देशों के बीच बातचीत की पूरी तरह से समर्थन करता है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि अगर भारत पाकिस्तान चाहें तो वह बातचीत में मध्यस्थता भी कर सकता है। अखबार का कहना है कि अमेरिका ने पहले भी भारत पाकिस्तान के बीच आपसी सम्बंधों को बेहतर बनाने के लिए बातचीत की पेशकश की थी और मध्यस्था का करने की भी बात कही थी।
रोजनामा पाकिस्तान ने सऊदी अरब स्थित पवित्र मक्का मस्जिद और मदीना मस्जिद में पवित्र रमजान माह के मौके पर प्रतिदिन डेढ़ लाख उमरा यात्रियों को वहां पर आकर इबादत करने की इजाजत देने की खबर दी है। अखबार का कहना है कि अभी तक वहां पर काफी पाबंदियां लगाई गई हैं जिसकी वजह से उमरा पर जाने वाले लोगों को वीजा नहीं मिल पा रहा है। अखबार का कहना है कि सऊदी अरब प्रशासन की तरफ से जारी की गई गाइडलाइन के मुताबिक दुनियाभर के यात्रियों को जिन्होंने कोरोना वैक्सीन लगा ली है, उन्हें उमरा करने के लिए वहां पर आने की इजाजत दी गई है। अखबार का कहना है कि सऊदी अरब के इस फैसले से दुनियाभर के मुसलमानों ने राहत की सांस ली है क्योंकि दुनियाभर के मुसलमानों के लिए यहां पर आकर इबादत करना गर्व की बात होती है।