इंदौर। इंदौर जिले के लिए सबसे बड़ी राहत वाली बात यह है कि लंपी बीमारी की चपेट में आए पशुओं की हालत में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। इसे रोकने के लिए सबसे कारगर संक्रमित पशु को आइसोलेट कर टीका लगाना है। पशुपालन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक इंदौर जिले के देपालपुर और बेटमा क्षेत्र के 21 गांवों में 81 पशु संक्रमित हो चुके हैं। संक्रमित पशुओं को वैक्सीन लगाने के साथ ही उनके खाने-पीने और रहने की व्यवस्था भी अलग कर दी गई है, जिसका परिणाम यह है कि 73 पशुओं की हालत में सुधार हो रहा है। इंदौर संभाग के धार, झाबुआ, आलीराजपुर, खरगोन, खंडवा और बुरहानपुर में भी तेजी से सुधार हो रहा है।
सुबह से लेकर रात तक गांवों में घूम रही टीम
लंपी चर्म रोग से बचाव के लिए प्रशासनिक अधिकारी सक्रिय हो गए हैं। पशुपालन विभाग के साथ-साथ क्षेत्रीय एसडीएम, तहसीलदार सहित अन्य अधिकारी भी गांव-गांव में जाकर पशुपालकों को जागरूक कर रहे हैं। सबसे ज्यादा इंदौर जिले के देपालपुर और बेटमा क्षेत्र के पीर पीपल्या, विजयपुर, करवासा, दौलताबाद, पिपलौदा, सेंदा, खटवारी, कमालपुर और गिरोटा सहित अन्य गांवों पर ध्यान दिया जा रहा है।
एक पशु से दूसरे में फैलती है बीमारी
यह बीमारी पशुओं की वायरल बीमारी है, जो पॉक्स वायरस से मच्छर, मक्खी, टिक्स आदि से एक पशु से दूसरे पशु में फैलती है। शुरुआत में हलका बुखार दो-तीन दिन के लिए रहता है। इसके बाद पूरे शरीर की चमड़ी में 2-3 सेंटीमीटर की गठानें निकल आती हैं, जो चमड़ी के साथ मांसपेशियों की गहराई तक जाकर मुंह, गले एवं श्वास नली तक फैल जाती है। साथ ही लिम्फ नोड, पैरों में सूजन, दुग्ध उत्पादन में कमी, गर्भपात, बांझपन और कभी-कभी पशु की मृत्यु भी हो जाती है।
संभाग में 385 गांवों में 2035 पशु चपेट में…1583 की हालत में सुधार…25 की मौत
पशुपालन विभाग के आंकड़े के मुताबिक इंदौर संभाग के झाबुआ, आलीराजपुर, धार, खरगोन, खंडवा और बुरहानपुर जिले के कुल 350 गांवों में 2033 पशु इस बीमारी की चपेट में हैं। टीकाकरण की वजह से 1583 पशुओं की हालत में सुधार भी हो रहा है। खंडवा में सबसे ज्यादा 912 संक्रमित पशुओं में से 736 की हालत में सुधार हो रहा है। इसी प्रकार खरगोन जिले में संक्रमित 58 में से 31, बुरहानपुर में 489 में से 459, आलीराजपुर में 74 में से 27, झाबुआ में 177 में से 62 तथा धार जिले में संक्रमित 241 पशुओं में से 195 के स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है। दु:खद खबर यह है कि इंदौर संभाग के 8 जिलों में अभी तक 25 पशुओं की मौत भी हो चुकी है।
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