नई दिल्ली: विश्व व्यापार संगठन (WTO) की 12वीं मंत्रिस्तरीय बैठक जिनेवा में आज से शुरू हो रही है. चार दिवसीय इस बैठक में भारत खाद्य सुरक्षा कार्यक्रमों (Food Security Programmes) के लिए अनाज के सार्वजनिक भंडारण (Public Stock Holding) के मुद्दे का स्थायी समाधान तलाशने के लिए डब्ल्यूटीओ पर दबाव बनाएगा. और किसानों और मछुआरों के हितों की दृढ़ता से रक्षा करेगा. भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल कर रहे हैं.
यह बैठक 4 साल के अंतराल के बाद यूक्रेन-रूस युद्ध और अनिश्चित वैश्विक आर्थिक स्थिति की पृष्ठभूमि में आयोजित हो रही है. पिछली बार यह 2017 में अर्जेंटीना में आयोजित किया गया था. एमसी (मिनिस्टीरियल कॉन्फ्रेंस) 164 सदस्यीय विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) का सर्वोच्च निर्णय लेने वाला निकाय है. बैठक में COVID-19 महामारी पर WTO की प्रतिक्रिया सहित पेटेंट छूट; कृषि और खाद्य सुरक्षा; विश्व व्यापार संगठन में सुधार; प्रस्तावित मात्स्यिकी सब्सिडी समझौता; और इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसमिशन पर मोरेटोरियम का विस्तार जैसे मुख्य मुद्दों पर चर्चा होगी.
इस श्रेणी के अंतर्गत आने वाले मुख्य मुद्दों में खाद्य सुरक्षा उद्देश्यों के लिए पब्लिक स्टॉक होल्डिंग, व्यापार-विकृत घरेलू सब्सिडी, बाजार की पहुंच, विशेष सुरक्षा तंत्र, निर्यात प्रतिबंध और निषेध, और पारदर्शिता शामिल हैं. नई दिल्ली का जोर खाद्य सुरक्षा कार्यक्रमों के लिए पब्लिक स्टॉक होल्डिंग (PSH) के मुद्दे का स्थायी समाधान खोजने पर होगा. सार्वजनिक भंडारण नीति के तहत सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर किसानों से चावल और गेहूं जैसी फसलें खरीदती है, भंडारण करती है और गरीबों को खाद्यान्न का वितरण करती है.
एमएसपी आम तौर पर प्रचलित बाजार दरों से अधिक होता है और इसके तहत खरीदे गए अन्न को 800 मिलियन से अधिक गरीबों की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कम कीमत पर उपलब्ध कराया जाता है. हालांकि, कृषि पर विश्व व्यापार संगठन का समझौता सरकार की एमएसपी पर अन्न खरीदने की क्षमता को सीमित करता है. वैश्विक व्यापार मानदंडों के तहत, विश्व व्यापार संगठन के सदस्य देश के खाद्य सब्सिडी बिल को 1986-88 के संदर्भ मूल्य के आधार पर उत्पादन मूल्य के 10 प्रतिशत की सीमा का उल्लंघन नहीं करना चाहिए.
विशेषज्ञों के अनुसार, ‘इसलिए, भारत को पब्लिक स्टॉक होल्डिंग को लेकर डब्ल्यूटीओ से स्थायी समाधान की तलाश अत्यंत महत्वपूर्ण है.’ भारत ने घरेलू समर्थन के साथ कोई संबंध नहीं होने की बात कहकर इस मुद्दे का तेजी से समाधान करने की मांग की है. इस मुद्दे के स्थायी समाधान के लिए, भारत ने डब्ल्यूटीओ से खाद्य सब्सिडी कैप की गणना के फॉर्मूले में संशोधन करने और पीस क्लॉज के दायरे में 2013 के बाद लागू कार्यक्रमों को शामिल करने जैसे उपायों पर विचार करने के लिए कहा है.
पीस क्लॉज के तहत, विश्व व्यापार संगठन के सदस्य देश डब्ल्यूटीओ के विवाद निपटान मंच पर एक विकासशील राष्ट्र द्वारा निर्धारित सीमा के किसी भी उल्लंघन को चुनौती देने से बचने के लिए सहमत हैं. यह क्लॉज तब तक रहेगा जब तक खाद्य भंडारण के मुद्दे का स्थायी समाधान नहीं मिल जाता. भारत यह भी चाहता है कि विश्व व्यापार संगठन अंतरराष्ट्रीय खाद्य सहायता और मानवीय उद्देश्यों के लिए पब्लिक स्टॉक से खाद्यान्न के निर्यात की अनुमति दे, विशेष रूप से गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट एग्रीमेंट के आधार पर. डब्ल्यूटीओ के वर्तमान नियमों के मुताबिक कोई भी सदस्य देश पब्लिक स्टॉक होल्डिंग्स के तहत खरीदे गए अनाज का निर्यात नहीं कर सकता, क्योंकि ये सब्सिडी पर खरीदे गए खाद्यान्न होते हैं.
विश्व व्यापार संगठन के नियमों में सुधार
एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने कहा कि भारत विश्व व्यापार संगठन के कामकाज में सुधार के प्रयासों का समर्थन करेगा. लेकिन इसके प्रमुख स्तंभों जैसे कम विकसित और विकासशील देशों के प्रति विशेष रियायत, सबके लिए एक समान विवाद निपटान तंत्र, सुधारों के बाद भी अपने मूल रूप में रहें. विश्व व्यापार संगठन एक बहुपक्षीय निकाय है, जो वैश्विक निर्यात और आयात के लिए नियम तैयार करता है और व्यापार से संबंधित मुद्दों पर दो या दो से अधिक देशों के बीच विवादों का निर्णय करता है. भारत सरकार के अधिकारी ने कहा कि हमारा मानना है कि विश्व व्यापार संगठन एक महत्वपूर्ण संगठन है. इसकी बहुपक्षीय प्रकृति कभी प्रभावित नहीं होनी चाहिए और इसलिए, हम इसके कामकाज में सुधार के किसी भी प्रयास का समर्थन करते हैं.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved