नई दिल्ली: बुधवार होने वाली केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में कृषि कानून को वापस लेने वाले प्रस्ताव को मंजूरी मिल सकती है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में क्रिप्टोकरेंसी समेत कई और मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है. केंद्र सरकार के लाए गए कृषि कानूनों को लेकर किसानों लंबे समय से सड़कों पर आंदोलन कर रहे हैं. कानून वापसी के बावजूद किसान नेताओं का कहना है कि सरकार के साथ अभी भी कई मुद्दों पर बात बाकी है.
क्रिप्टोकरेंसी पर सरकार का फोकस
बीते दिनों सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कई अहम बैठक की है. वहीं, अब माना जा रहा है कि सरकार इस पर नया बिल लाने की तैयारी में है. कैबिनेट से इसे मंजूरी मिल सकती है. भारत में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को लेकर फिलहाल कोई कानून नहीं है. वहीं, ये गैर-कानूनी भी नहीं है. हालांकि, इस पर सरकार का स्टैंड काफी क्लियर है.
खबरों के मुताबिक फिलहाल सरकार का क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी दर्जा देने का कोई इरादा नहीं है, लेकिन ऐसी स्थिति के क्या-क्या मायने है. जिस तरह रुपये का इस्तेमाल होता है, वो दर्जा सरकार क्रिप्टो को देने के लिए तैयार नहीं है. आने वाले समय में क्रिप्टोकरेंसी देकर लेनदेन या दूसरे ट्रांसजैक्शन कर पाना अभी मुमकिन नहीं है. फिलहाल सरकार का क्रिप्टोकरेंसी को दर्जा देने का कोई इरादा नहीं है.
अब आगे क्या?
ऐसा माना जा रहा है कि सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी पर विधेयक ला सकती है. ऐसे में सरकार इसपर प्रतिबंध तो नहीं लगाएगी, लेकिन इसे कड़े नियमों के दायरे में लाने की जरूर कोशिशें होगी.
क्रिप्टोकरेंसी के बारे में जानिए
क्रिप्टो ग्रीक भाषा का एक शब्द है जिसका मतलब होता है सीक्रेट यानी गुप्त… और करेंसी का मतलब तो आप जानते ही हैं यानी आपकी जेब में रखी ‘मुद्रा’… वो गुप्त मुद्रा जिसके बारे में किसी को पता ना हो. तो बिटक्वाइन वहीं गुप्त मुद्रा यानी क्रिप्टोकरेंसी या वर्चुअल करेंसी है जो टेक्नोलॉजी पर आधारित है. इसे आप अपनी जेब में नहीं रख सकते है. लेकिन आप इसे अपने मोबाइल, लैपटॉप, पैन ड्राइव में जरूर रख सकते है. इसकी कहानी साल 2008 के फाइनेंशियल क्राइसिस से होती है. जिसने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया था.
रातोंरात अमेरिका के सालों पुराने बैंक डूबने लगे थे. शेयर बाजार में भूचाल आ गया था. तभी इस संकट की वजह से बैंकिंग सिस्टम पर से लोगों का भरोसा उठ गया. साल 2009 में जापान के एक वैज्ञानिक सातोषी नाकामोतो ने बिटकॉइन का अविष्कार किया. लेकिन इस बात का कोई पुख्ता प्रमाण आज तक नहीं मिला. कुछ लोगों के हिसाब से ये कोई एक शख्स नहीं बल्कि एक ग्रुप का नाम है जिसने इस नाम का कवर लिया हुआ है. अब इस दुनिया में अभी 8 हज़ार से भी ज्यादा क्रिप्टोकरेंसी मौजूद है परन्तु उनमे से सबसे ज्यादा प्रसिद्ध बिटकॉइन है, लोग बेशक बाकी क्रिप्टोकरेंसी को नहीं जानते होंगे परन्तु बिटकॉइन के बारे में हर कोई जानता है.
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