मॉस्को: ब्रिक्स (BRICS) देशों के विदेश मंत्रियों (foreign ministers) का सम्मेलन सोमवार से रूस के निजनी नोवगोरोड में शुरू हो रहा है। भारत ‘विश्व बंधु’ (Global Friend) के रूप में अपने रोल को जारी रखते हुए बैठक में ग्लोबल साउथ के सामने विकास संबंधी चिंताओं और दुनिया (World) के सामने आ रही चुनौतियों को उठा सकता है। नई दिल्ली में मोदी सरकार (modi government) के तीसरे कार्यकाल के गठन के तुरंत बाद होने वाली यह ब्रिक्स विदेश मंत्रियों की पहली बैठक भी होगी। दरअसल, जनवरी में समूह के विस्तार को औपचारिक रूप दिया गया था। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव (sergey lavrov) की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में भारत के विदेश मंत्री, दक्षिण अफ्रीका के अंतरराष्ट्रीय संबंध और सहयोग मंत्री नादिया पंडोर, ब्राजील के विदेश मंत्री माउरो विएरा, चीनी विदेश मंत्री वांग यी के अलावा ग्लोबल साउथ और ईस्ट से आमंत्रित देशों के विदेश मंत्री हिस्सा लेंगे।
ग्लोबल इमेज विजन के साथ भारत होगा शामिल
गुटों में बंटी हुई इस दुनिया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत की बढ़ती इमेज और ‘विश्व बंधु’ (ग्लोबल फ्रेंड) के रूप में इसके उदय को उजगार करते रहे हैं। लगातार तीसरी बार सरकार बनाने का दावा पेश करने के बाद अपनी पहली टिप्पणी में प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को कहा था, “ग्लोबल मंच पर भारत की साख बढ़ाने के लिए पिछले 10 वर्षों में की गई कड़ी मेहनत का लाभ उठाने का समय आ गया है।”
पीएम मोदी ने किया है ग्लोबल इमेज का जिक्र
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात के बाद राष्ट्रपति भवन के बाहर उन्होंने कहा, “पिछले 10 वर्षों में एक अलग ग्लोबल इमेज बनी है। भारत ग्लोबल फ्रेंड (विश्व बंधु) के रूप में उभरा है। इसका लाभ अब मिलना शुरू होगा। मुझे पूरा विश्वास है कि जहां तक पर्यावरण का सवाल है, अगले पांच साल देश के लिए बेहद उपयोगी होंगे।” भाजपा के 2024 के चुनावी घोषणापत्र में ‘विश्व बंधु भारत के लिए मोदी की गारंटी’ टाइटल वाले एक अलग सेक्शन में जिक्र किया गया है कि कैसे मोदी सरकार ने पिछले 10 वर्षों में भारत को ‘विश्व स्तर पर एक विश्वसनीय और भरोसेमंद आवाज’ बनाया है।
भाजपा के संकल्प पत्र में कहा गया, “आज दुनिया मानती है कि भारत लोकतंत्र की जननी है। दुनिया भर में रहने वाले भारतीय और भारतीय मूल के लोग सशक्त और जुड़े हुए महसूस करते हैं। हमारे मूल्यों, विचारों, ज्ञान और पारंपरिक ज्ञान को विश्व मंच पर गौरवपूर्ण स्थान मिला है। हम अपनी स्थिति को मजबूत करेंगे और विश्व बंधु की भावना के साथ अपने राष्ट्रीय हितों को आगे बढ़ाने के लिए अपनी नीतियों का संचालन करेंगे।” इसमें प्रधानमंत्री मोदी के दूरदर्शी 5एस विजन- सम्मान, संवाद, सहयोग, शांति और समृद्धि का उपयोग कर ग्लोबल साउथ की आवाज के रूप में भारत की स्थिति को और मजबूत करने का जिक्र किया गया है।
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