नाएप्यीडॉ (म्यांमार)। म्यांमार (Myanmar) की जेल में वर्षों से कैद पूर्व ब्रिटिश राजदूत विक्की बोमन व कुछ अन्य विदेशियों सहित छह हजार कैदियों को रिहा करने का फैसला किया गया है। म्यांमार की सैन्य सरकार (military government) ने राष्ट्रीय विजय दिवस पर यह फैसला लिया है।
म्यांमार में 1 फरवरी, 2021 को देश की लोकतांत्रिक सरकार (democratic government) का तख्तापलट करने के बाद से वहां सैन्य शासन लागू है। अब सैन्य सरकार ने राष्ट्रीय विजय दिवस पर कैदियों को माफी दिये जाने की योजना के तहत कैदियों को रिहा करने का आदेश जारी किया है। सरकार के प्रवक्ता मेजर जनरल जॉ मिन तुन ने बताया कि पूर्व ब्रिटिश राजदूत विक्की बोमन, ऑस्ट्रेलियाई अर्थशास्त्र सलाहकार सीन टर्नेल, जापानी पत्रकार टोरू कुबोता (Japanese journalist Toru Kubota) और एक अज्ञात अमेरिकी नागरिक को रिहा करके उनके देश भेज दिया गया है। इनके अलावा छह हजार अन्य कैदियों की रिहाई के आदेश भी दिये गए हैं।
म्यांमार में ब्रिटेन की पूर्व राजदूत बोमैन (56) को अगस्त में यांगून में उनके पति के साथ गिरफ्तार किया गया था। उनके पति म्यांमार के नागरिक हैं। उन्हें अपने निवास का पंजीकरण नहीं कराने के कारण सितंबर में एक साल कारावास की सजा दी गई थी। सुरक्षा बलों ने सितंबर में सिडनी (Sydney) के मैक्वेरी विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के सहायक प्रोफेसर 58 वर्षीय टर्नेल को यांगून के एक होटल से गिरफ्तार किया था। उन्हें आधिकारिक गोपनीयता कानून और आव्रजन कानून का उल्लंघन करने के आरोप में तीन साल कारावास की सजा सुनाई गई थी। जापान के 26 वर्षीय कुबोता को यांगून में पिछले साल सत्ता पर सेना के कब्जे के खिलाफ आयोजित एक प्रदर्शन की तस्वीरें और वीडियो लेने के कारण 30 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था। उन्हें पिछले महीने 10 साल कारावास की सजा सुनाई गई थी।
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