गृह मंत्रालय (home Ministry) ने महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए गैर सरकारी संगठनों (NGOs) के लिए पंजीकरण प्रमाणपत्र विस्तार के संबंध में एक अहम घोषणा करते हुए पंजीकरण प्रमाण पत्र की वैधता कोरोना महामारी के तहत लगाई गई पाबंदियों के चलते इस साल 30 सितंबर तक के लिए बढ़ा दी है। यह गैर सरकारी संगठनों द्वारा संशोधित एफसीआरए को लागू करने में देरी को लेकर कई अदालतों में याचिकाओं के मद्देनजर आया है।
गृह मंत्रालय ने घोषणा की है कि मौजूदा खाताधारकों (Account holders) को 30 जून तक एसबीआई की नई दिल्ली मेन ब्रांच में खाता खोलना होगा। अगर वे ऐसा नहीं कर पाए तो वे विदेशी चंदा प्राप्त करने के पात्र नहीं होंगे। विदेश से चंदा प्राप्त करने वाले एनजीओ के लिए एफसीआरए के तहत पंजीकरण होना अनिवार्य है।
उन एनजीओ के लिए जिनका रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र 30 सितंबर 2020 से 30 सितंबर 2021 के बीच खत्म हो रहा है, सितंबर अंत तक वैध रहेगा। यह गैर सरकारी संगठनों के लिए राहत के रूप में आ सकता है, जो कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के कारण छह महीने के विस्तार की मांग कर रहे थे।
इस मामले को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) में एक याचिका भी दायर की गई थी, जिस पर मंगलवार को सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस ज्योति सिंह की पीठ ने कहा कि छूट देना या नहीं देना, सरकार का नीतिगत निर्णय है। इस टिप्पणी के साथ कोर्ट ने कर्मोदय चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर दायर इस जनहित याचिका को भी खारिज कर दिया।
इससे पहले मौजूदा एफसीआरए के खाताधारकों को FCRA, 2010 की संशोधित धारा के तहत अपना एफसीआरए खाता खोलने के लिए 31 मार्च तक का समय दिया गया था। हालांकि एनजीओ की ओर से समयसीमा छह महीने बढ़ाने की मांग की गई थी ।
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