नई दिल्ली. बांग्लादेश (Bangladesh) ने रविवार को 95 भारतीय मछुआरों (95 Indian fishermen) को भारत (India) को सौंप दिया, जबकि नई दिल्ली ने 90 बांग्लादेशी मछुआरों (90 Bangladeshi fishermen) को रिहा कर दिया. रविवार को दोनों देशों के बीच खराब संबंधों के बीच एक-दूसरे की हिरासत में मछुआरों की वापसी की प्रक्रिया शुरू हुई. मछुआरों को रिहा करने के फैसले की घोषणा नई दिल्ली और ढाका ने गुरुवार को की थी.
मछुआरों के आदान-प्रदान का समन्वय भारतीय कोस्ट गार्ड और बांग्लादेशी कोस्ट गार्ड द्वारा किया गया था. एक आधिकारिक बयान के अनुसार, बांग्लादेशी पक्ष ने 95 मछुआरों और चार मछली पकड़ने वाली नौकाओं को भारतीय कोस्ट गार्ड को सौंप दिया.
इसमें कहा गया है कि भारतीय कोस्ट गार्ड ने 90 बांग्लादेशी मछुआरों को रिहा कर दिया, जिनमें डूबी हुई मछली पकड़ने वाली नाव “कौशिक” से बचाए गए 12 मछुआरे भी शामिल हैं.
भारतीय कोस्ट गार्ड ने रीडआउट में कहा, ‘बांग्लादेश से स्वदेश वापसी के बाद भारतीय मछुआरों को दक्षिण 24 परगना में पश्चिम बंगाल राज्य मत्स्य पालन अधिकारियों को सौंपा गया.’
इसमें कहा गया है कि हाल के महीनों में कई भारतीय मछुआरों को बांग्लादेश के अधिकारियों द्वारा गिरफ्तार किया गया है, जब वे अनजाने में अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा को पार कर बांग्लादेश के जल क्षेत्र में प्रवेश कर गए थे. इसमें कहा गया है कि कई बांग्लादेशी मछुआरों को भी भारतीय अधिकारियों ने इसी तरह की परिस्थितियों में पकड़ा था.
विदेश मंत्रालय (एमईए) ने विदेशों में भारतीय नागरिकों के कल्याण और बांग्लादेश के साथ द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए अपनी प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए ऑपरेशन की सराहना की.
तनावपूर्ण बने हुए हैं भारत-बांग्लादेश के संबंध
मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के सत्ता में आने के बाद भारत और बांग्लादेश के बीच संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं. भारत बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों विशेषकर हिंदुओं पर हमलों का विरोध करता रहा है.
वहीं, पिछले महीने अंतरिम सरकार द्वारा अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के भारत से प्रत्यर्पण की मांग के लिए नई दिल्ली को एक राजनयिक नोट भेजे जाने के बाद संबंध और भी खराब हो गए हैं.
बता दें कि अगस्त में बड़े पैमाने पर सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बाद शेख हसीना को बांग्लादेश छोड़कर भागना पड़ा था. वह बांग्लादेश से भारत आ गई थीं और तब से भारत में ही रह रही हैं.
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