• img-fluid

    जल्‍द होगा लागू, कानून मंत्री बोले- UCC और ‘एक देश, एक चुनाव’ भाजपा के चुनावी वादों का हिस्सा

  • June 12, 2024

    नई दिल्‍ली(New Delhi) । केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल(Minister Arjun Ram Meghwal) ने मंगलवार को कार्यभार संभालते (taking charge)ही पहला काम राष्ट्रीय वाद नीति (National Dispute Policy)दस्तावेज पर हस्ताक्षर(Signature) कर इसे अंतिम रूप दिया। राष्ट्रीय मुकदमा नीति का मकसद अदालतों में लंबित मुकदमों का त्वरित निपटारा करना है। इसके बाद उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता (UCC) और ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ सरकार के एजेंडे का हिस्सा हैं। हालांकि उन्होंने दोनों के लागू करने की कोई समय-सीमा नहीं बताई। आपको बता दें कि दोनों ही मुद्दा भाजपा के चुनावी वादों का हिस्सा है। इस लोकसभा चुनाव में भाजपा को बहुमत से दूर है। एनडीए के दो बड़े घटक दल टीडीपी और जेडीयू पर उसकी निर्भरता बढ़ गई है। ऐसे में इन दोनों ही बिल को संसद से पास करवाना चुनौती साबित हो सकती है।

    वहीं, राष्ट्रीय मुकदमा नीति दस्तावेज को मंजूरी के लिए आने वाले दिनों में केंद्रीय मंत्रिमंडल के समक्ष रखा जाएगा। सूत्रों की माने तो यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के 100 दिवसीय एजेंडे का अहम हिस्सा है। मंत्रालय के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि दस्तावेज में लंबित मामलों से संबंधित मंत्री द्वारा उठाए गए मुद्दों को शामिल किया गया है। साथ ही कहा कि यह पहली फाइल थी जिस पर कानून मंत्री सबसे पहले हस्ताक्षर करना चाहते थे।


    कई वर्षों से तैयार किया जा रहा

    राष्ट्रीय वाद नीति का मसौदा कई वर्षों से तैयार किया जा रहा है तथा विभिन्न सरकारों द्वारा इसकी रूपरेखा पर विचार-विमर्श किया किया गया है। केंद्रीय कानून मंत्री ने कार्यभार संभालने के तुरंत बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए विधि एवं न्याय मंत्रालय की प्रमुख प्राथमिकताओं के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि कानून मंत्रालय की यह प्राथमिकता रहेगी कि देश की सभी अदालतों और न्यायाधिकरणों में लंबित मामलों में वादियों को तेजी से न्याय मिले। यूपीए-2 में ‌तत्कालीन कानून मंत्री एम. वीरप्पा मोइली ने राष्ट्रीय वाद नीति पेश की थी, लेकिन यह कभी आगे नहीं बढ़ पाई। तत्कालीन कानून मंत्री मोइली के समय में मंत्रालय ने यह नीति बना दी थी, लेकिन इसे केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी के लिए नहीं भेजा गया था और बाद में जब यह दस्तावेज मंत्रिमंडल में भेजा गया था तो इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया।

    लंबित मामलों की औसत अवधि कम हो सके

    यूपीए 2 के दौरान कानून मंत्रालय ने 23 जून, 2010 को जारी अपने बयान में कहा था कि केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय विधिक मिशन के तहत भारत के विभिन्न अदालतों में लंबित मामलों की संख्या कम करने के लिए एक राष्ट्रीय वाद नीति तैयार की है, ताकि लंबित मामलों की औसत अवधि 15 वर्ष से घटाकर 3 वर्ष की जा सके। वर्ष 2014 में केंद्र में सत्ता परिवर्तन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में विधि मंत्रालय ने इस राष्ट्रीय वाद नीति पर एक नया कैबिनेट नोट भेजा और तब से यह लंबित पड़ा है।

    यूसीसी लागू करना सरकार के एजेंडे का हिस्सा : कानून मंत्री

    केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि समान नागरिक संहिता लागू करना सरकार के एजेंडे का हिस्सा है। केंद्रीय मंत्री ने सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट के जज की नियुक्ति, पदोन्नति और स्थानांतरण के मुद्दे पर कहा कि प्रक्रिया ज्ञापन के जरिए समाधान ढूंढ लिया जाएगा, जिसमें से संबंधित दस्तावेजों का सेट शामिल है।

    रिक्तियां जल्द भरने का प्रयास

    कानून मंत्री ने जजों की नियुक्ति में कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच टकराव के आरोपों को खारिज कर दिया। उन्होंने जजों की कमी और मंत्रालय में रिक्तियों के सवाल पर कहा कि ‘जहां भी रिक्तियां हैं, चाहे वह सुप्रीम कोर्ट हो, हाईकोर्ट हो या हमारा मंत्रालय हो या अधीनस्थ अदालत हों, हम उन्हें जल्द से जल्द भरने का प्रयास करेंगे। एकसाथ चुनाव के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है और हम बाद में इसके बारे में जानकारी देंगे। उन्होंने कहा कि विधि आयोग भी इस विषय पर काम कर रहा है।

    भारत को मध्यस्था केंद्र बनाने की दिशा में प्रयास : कानून मंत्री

    केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि सरकार भारत को भारत को मध्यस्थता का केंद्र बनाने की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि भारत को मध्यस्थता केंद्र के रूप में विकसित करना सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि ‌भारतीयों को मध्यस्थता के लिए सिंगापुर, दुबई या लंदन क्यों जाना चाहिए?

    मुकदमों के बोझ कम करने में मददगार होंगे नए कानून : मेघवाल

    केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने अपनी प्राथमिकता बताते हुए कहा कि मौजूदा आपराधिक कानूनों की जगह लाए गए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को लागू करने के बारे में लोगों में जागरूक करेंगे। उन्होंने कहा कि इसके लिए अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि नए आपराधिक कानूनों से अदालतों में लंबित मुकदमों के बोझ करने में मदद मिलेगी।

    Share:

    ओडिशा में पहली बार बनेगा भाजपा का मुख्यमंत्री, सीएम पद की शपथ लेंगे मोहन माझी, पीएम नरेंद्र मोदी रहेंगे मौजूद

    Wed Jun 12 , 2024
    भुवनेश्वर। भाजपा (BJP) पहली बार ओडिशा (Odisha) में अपनी सरकार (Government) बनाने जा रही है। भाजपा सरकार का शपथ ग्रहण (oath taking) 12 जून यानी आज होना है। क्योंझर से विधायक मोहन चरण माझी (mohan charan majhi) भाजपा के पहले मुख्यमंत्री (CM) के रूप में शपथ लेंगे। उनके साथ राज्य के डिप्टी सीएम के रूप […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    शुक्रवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved