भोपाल: मुख्यमंत्री मोहन यादव (Chief Minister Mohan Yadav) के निर्देश पर अमल शुरू हो गया है. मध्य प्रदेश में हाथियों की मॉनिटरिंग (Monitoring of elephants) के लिए 6 विशेष दल गठित किये गये हैं. बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व (Bandhavgarh Tiger Reserve) में 35 स्टाफ की ड्यूटी लगायी गयी है. बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व का मामला सुर्खियों में आ गया था. 10 हाथियों की मौत मामले पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने आपातकालीन बैठक बुलाई थी. उन्होंने घटना की जांच के निर्देश दिये. लापरवाही बरतने पर अधिकारियों के खिलाफ एक्शन भी हुआ.
मुख्यमंत्री ने बांधवगढ़ फील्ड डायरेक्टर गौरव चौधरी और सहायक वन सरंक्षक फतेह सिंह को निलंबित करने का आदेश दिया. बैठक में राज्य स्तरीय हाथी टास्क फोर्स गठित करने का फैसला हुआ. घटना के बाद बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हाथियों की सुरक्षा पर सवाल उठे थे. अपर मुख्य वन संरक्षक वन्य जीव एल. कृष्णमूर्ति ने बताया कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 6 विशेष दल बनाकर स्वस्थ हाथियों की मॉनीटरिंग की जा रही है. साथ ही खितौली रेंज के बगदरा बीट में रेस्क्यू किए गए हाथी को डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है.
एल. कृष्णमूर्ति ने बताया कि हाथियों के मूवमेंट क्षेत्रों से लगे गांवों में मुनादी कराई जा रही है. बता दें कि वाइल्ड लाइफ एक्टिविस्ट अजय दुबे ने भी मामले में उच्चतरीय जांच की मांग की थी. उन्होंने मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय स्टीयरिंग कमेटी के गठन नहीं होने पर भी सवाल उठाये थे. अजय दुबे ने एनटीसीए के सदस्य सचिव को पत्र लिखकर बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हाथियों की मौत का मामला उठाया था. पत्र में बताया गया था कि मध्य प्रदेश में वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 38 यू के अंतर्गत स्टीयरिंग कमेटी का गठन होने से वन अपराधियों में डर खत्म हो गया है.
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