इंफाल (Imphal) । मंगलवार को गोला-बारूद लूटने के मामले (Ammunition cases) में सुनवाई के दौरान इंफाल (Imphal) में चीराप कोर्ट में हंगामा हो गया है. सुरक्षाबलों (security forces) ने कोर्ट (court) के अंदर प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने के लिए टैसर और आंसू गैस (tear gas) के गोले भी दागे. ये प्रदर्शनकारी हथियार और गोला-बारूद लूटने के छह आरोपियों की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे थे.
कोर्ट में हुआ टकराव
बताया जा रहा है कि छह आरोपियों की पेशी के दौरान एकत्र हुई प्रदर्शनकारियों की भीड़ में मुख्य रूप से महिलाएं शामिल थी. जो आरोपियों को बेगुनाह बताते हुए बिना शर्त के रिहाई की मांग कर रही थीं. इसके बाद सुरक्षाबलों और प्रदर्शनकारियों में टकराव बढ़ गया, जिसमें कई लोग घायल हो गए. इसके बाद कोर्ट परिसर में भीड़ पर काबू पाने के लिए रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) ने चीराप कोर्ट परिसर में आंसू गैस के गोले दागे.
इस पूरे घटनाक्रम के बाद प्रदर्शिकारी और सुरक्षाबलों के बीच झड़प हो गई और विशेष न्यायाधीश (NIA) ने सभी मायेंगबाम बिनोद सिंह, लीतानथेम नाओबा मैतेई, आरके संजय, राजकुमार रोडी सिंह, वांगमायुम सनाथोई और सुनीर फुंडरेइमयुम को 15 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
अदालत का ये फैसला विशेष लोक अभियोजक की एक याचिका पर दिया है, जिसमें 13 फरवरी को चिंगारेल, तेजपुर स्थित 5वीं इंडिया रिजर्व बटालियन (IRB) से हथियार और गोला-बारूद लूटने में शामिल होने के आरोपों का हवाला दिया गया था.
अगली सुनवाई से पहले देने होंगे सबूत
वहीं, आरोपियों ने अपने वकील के माध्यम से अलग-अलग जमानत याचिकाएं दायर कीं, जिसमें उन्होंने अपनी संलिप्तता से इनकार किया और न्यायिक हिरासत से रिहाई की मांग की. अदालत ने जमानत आवेदनों को नियमित मानते हुए 28 फरवरी को जमानत आपत्तियों पर सुनवाई निर्धारित की और मामले के आईओ को अगली सुनवाई से पहले आवश्यक रिपोर्ट और साक्ष्य उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है.
आपको बता दें कि पिछले साल 3 मई को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मैतेई समुदाय की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के कारण भड़की जातीय हिंसा के बाद से मणिपुर में 180 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.
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