नई दिल्ली । कच्चे पाम तेल (Palm Oils) की कीमतों में वृद्धि के कारण दैनिक उपभोग के सामान बनानने वाली (FMCG ) कंपनियों ने साबुन के दाम 8 फीसदी तक बढ़ा दिए हैं। हिंदुस्तान यूनिलीवर (एचयूएल) और विप्रो जैसी प्रमुख कंपनियों ने कच्चे तेल की वजह से बढ़ी लागत का भार घटाने के लिए ग्राहकों पर इसका भार डालने का फैसला किया है।
नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के कार्यकारी निदेशक अबनीश रॉय का कहना है कि एफएमसीजी क्षेत्र में आमतौर पर कोई एक कंपनी पहले कीमतें बढ़ाती है, जिसका अनुसरण करते हुए धीरे-धीरे अन्य कंपनियां भी दाम बढ़ाती हैं। इसी तर्ज पर, एचयूएल और विप्रो के बाद अब अन्य कंपनियां भी जल्द ही साबुन के दाम बढ़ा सकती हैं।
35 फीसदी तक बढ़ी पाम तेल की कीमत
विप्रो कंज्यूमर केयर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी नीरज खत्री ने कहा, साबुन बनाने में इस्तेमाल होने वाले प्रमुख उत्पाद पाम तेल की कीमतों में सितंबर की शुरुआत से 35 फीसदी तक वृद्धि हुई है। इस कारण प्रमुख कंपनियों ने आंशिक रूप से साबुन के दाम को 7-8 फीसदी तक बढ़ाया है।
सितंबर के दौरान एफएमसीजी कंपनियों ने मार्जिन बढ़ाने के लिए साबुन की कीमतों में वृद्धि का संकेत दिया था। उन्हें पाम तेल, कॉफी व कोको जैसी कमोडिटी के दाम में वृद्धि का सामना करना पड़ा था।
टाटा कंज्यूमर ने चाय का दाम पहले ही 30 प्रतिशत बढ़ाया था। कंपनी ने कहा, एक बार में ज्यादा दाम बढ़ाने से मांग पर असर होता है।
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