चंडीगढ़। केंद्र की मोदी सरकार द्वारा तीन कृषि बिलों के खिलाफ किसानों ने आंदोलन की धार को और तेज कर दिया है। गुरुवार को पंजाब में किसानों ने राज्य में तीन दिनों का रेल रोको आंदोलन शुरू कर दिया है। राज्य के अमृतसर, फिरोजपुर जिलों में किसान रेलवे ट्रैक पर ही धरने पर बैठ गए हैं जिसके चलते दिल्ली की ओर आने-जाने वाली गाड़ियों पर असर पड़ा है। किसानों ने 25 सितंबर को बंद का ऐलान किया है, जिसके चलते फिरोजपुर रेल मंडल ने 14 ट्रेनें रद्द कर दी हैं। इतना ही नहीं एक अक्टूबर से अनिश्चितकाल के लिए किसानों ने बंद का आह्वान किया है।
बता दें कृषि विधेयकों के विरोध में 25 सितंबर को होने वाले पंजाब बंद के लिए 31 किसान संगठन एक साथ हैं। किसान मजदूर संघर्ष समिति ने पहले ही 24 से 26 सितंबर के बीच रेल रोको आंदोलन का आह्वान किया हुआ है। क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने बताया कि पंजाब बंद को समर्थन देने वालों में मुख्य तौर पर भारती किसान यूनियन (क्रांतिकारी), कीर्ति किसान यूनियन, भारती किसान यूनियन (एकता उगराहां), भाकियू (दोआबा), भाकियू (लाखोवाल) और भाकियू (कादियां) आदि संगठन शामिल हैं।
कौन से तीन विधेयक कराए गए पास?
केंद्र द्वारा बीते हफ्ते पास किए गए तीन बिलों में कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सरलीकरण) विधेयक-2020 और कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा करार, आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक शामिल है। केंद्र और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों को आश्वासन दिया था कि इन ‘बहुत ऐतिहासिक’ बिलों से किसानों को लाभ होगा। ये कानून किसानों का शोषण करने वाले बिचौलियों को उनसे दूर करेंगे और वे सीधे अपनी उपज बेच सकते हैं। इस बीच, पंजाब में कांग्रेस की अगुआई वाली सरकार ने इन विधेयकों को संघीय ढांचे पर एक ‘घातक हमला’ बताया है।
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