वाशिंगटन। दुनिया भर के ग्लेशियर(Glacier) 15 साल पहले के मुकाबले इन दिनों काफी तेजी से पिघल(Melting) रहे हैं। इनके पिघलने (Melting) की तस्वीरें 3डी(3d Photos) सैटेलाइट(satellite) में कैद(Capture) हुई हैं।
सैटेलाइट (satellite) के आकलन के मुताबिक जिस हिसाब से ये ग्लेशियर(Glacier) पिघल रहे हैं, उससे हम प्रति वर्ष 31 फीसदी बर्फ गंवा रहे हैं। नेचर जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट में वैज्ञानिकों ने इसके लिए इंसानों द्वारा जलवायु परिवर्तन (Climate change) को जिम्मेदार ठहराया है।
वैज्ञानिकों ने हाल ही में सार्वजनिक किए गए 20 साल के सैटेलाइट डाटा के आधार पर बताया कि दुनिया भर के 2,20,000 ग्लेशियर 328 अरब टन से ज्यादा बर्फ प्रतिवर्ष गंवा रहे हैं। दुनिया भर में पिघलते ग्लेशियरों से पानी समुद्र का जलस्तर बढ़ा रहा है और इससे स्विट्जरलैंड जैसा देश हर साल करीब 24 फुट पानी के नीचे आ जाएगा। ग्लेशियरों के पिघलने की दर 2000 से 2004 के बीच जो 78 अरब टन थी, वह 2015 से 2019 के बीच सालाना बढ़ गई है। पिघलने वाले आधे से ज्यादा ग्लेशियर अमेरिका और कनाडा के हैं। वहीं अलास्का के ग्लेशियर के पिघलने की दर धरती पर सबसे ज्यादा है। अध्ययन में कहा गया है कि दुनिया के कमोबेश सभी ग्लेशियर पिघल रहे हैं, जबकि तिब्बत का ग्लेशियर स्थिर है।