कीव/जेनेवा। यूक्रेन पर रूस (Russia on Ukraine) के हमले का दुष्प्रभाव अब इलाज पर भी दिखने लगा है। यूक्रेन के अस्पतालों में ऑक्सीजन संकट (Oxygen crisis in hospitals) बढ़ने के कारण युद्ध से बचने के बावजूद अस्पताल (Oxygen crisis in hospitals) पहुंचे लोगों की जिंदगी खतरे में पड़ गयी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस बाबत चेतावनी जारी की है।
यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद संयुक्त राष्ट्र संघ ने स्वास्थ्यकर्मियों को सहायता पहुंचाने के प्रयास शुरू किए हैं। जीवन रक्षक सामग्री की पहली खेप पड़ोसी देश पोलैंड पहुंचाई जा रही है, जहां से इसे यूक्रेन पहुंचाया जाएगा।
इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी जारी की है कि ऑक्सीजन व अन्य आपात देखभाल सामग्री का संकट बढ़ता जा रहा है। यदि तुरंत इस संकट का समाधान न हुआ तो लोगों की मृत्यु रोकी नहीं जा सकेगी। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुखिया डॉक्टर टैड्रॉस ऐडहेनॉम घेबरेयेसस ने कहा कि यूक्रेन में मौजूदा संघर्ष शुरू होने से पहले वहां 23 अस्पतालों में आपात चिकित्सा सामग्री मुहैया कराई गयी थी। राजधानी कीव में पहले भेजी गयी चिकित्सा सामग्री फिलहाल पहुंच में नहीं है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन में कम से कम तीन ऑक्सीजन संयंत्र इस समय बंद हैं। ऐसे में एक ऐसा सुरक्षा गलियारा बनाए जाने की तत्काल ज़रूरत है, जिसके ज़रिये मानवीय सहायता और उपचार सामग्री जरूरतमंदों तक सुरक्षित तरीके से पहुंच सके। उन्होंने अस्पतालों व स्वास्थ्य ढांचे पर हमलों के प्रभाव पर जिंता जताते हुए कहा कि ऐसा करना अंतरराष्ट्रीय मानवीय सहायता कानून का उल्लंघन है। इस पर तुरंत नियंत्रण होना चाहिए।एजेंसी/(हि.स.)
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