नई दिल्ली। कनाडा पढ़ने गए पंजाब के 700 विद्यार्थियों का भविष्य से खेलने वाले ब्रिजेश मिश्रा को कनाडा में गिरफ्तार कर लिया गया है। यह मामला कनाडा सरकार के उस आदेश से जुड़ा है जिसमें 700 से ज़्यादा भारतीय छात्रों को डिपोर्ट करने करने की बात कही गई थी। हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कनाडा सरकार ने अपने इस आदेश को टाल दिया है।
इन छात्रों के भविष्य के साथ हुए खिलवाड़ के पीछे बृजेश मिश्रा का हाथ है, वह मामला सामने आने के बाद से फरार था, बृजेश मिश्रा पर इसके अलावा और भी कई आरोप हैं। वह जालंधर में मौजूद एजुकेशन माइग्रेशन सर्विसेज का प्रमुख रहा है। छात्रो ने यहीं से स्टडी वीजा प्राप्त किया था। यह वीजा फर्जी पाया गया।
कनाडा बॉर्डर सर्विसेज एजेंसी ने एक बयान में कहा कि भारत के नागरिक ब्रिजेश मिश्रा पर इमिगिरेशन और शरणार्थी संरक्षण अधिनियम के तहत पांच आरोप लगाए गए हैं। सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री मार्को मेंडिसिनो ने शुक्रवार को एक बयान में कहा, “हमारी सरकार धोखाधड़ी के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है, साथ ही उन लोगों की सुरक्षा कर रही है जो यहां पढ़ाई करने आए हैं।”
किन आरोपों के तहत हुई कार्रवाई
इमिगिरेशन मंत्री सीन फ्रेजर ने बृजेश मिश्रा पर बिना लाइसेंस के इमिगिरेशन सलाह देने और दूसरों को गलत बयानी करने, अधिकारियों से जानकारी छिपाने की सलाह देने का आरोप लगाया गया है। कनाडा सीमा सेवा एजेंसी ने शुक्रवार को मिश्रा के खिलाफ कार्रवाई की है। उनका कहना है कि हमारा मकसद पीड़ित छात्रों को परेशान करना नहीं है बल्कि हम इस मामले की एक बेहतर जांच करना चाहते हैं।
कनाडा के लिए बृजेश मिश्रा की अयोग्यता का पता तब चला जब उसने कनाडा में प्रवेश करने का प्रयास किया, जिसके कारण उसकी गिरफ्तारी हुई है। उसपर आरोप भी तय कर दिए गए हैं। ब्रिजेश मिश्रा फिलहाल ब्रिटिश कोलंबिया में प्री-ट्रायल हिरासत में हैं। एक सूत्र के मुताबिक चूंकि उसपर आपराधिक आरोप लगाया गया है, इसलिए उसकी हिरासत को कनाडा सीमा सेवा एजेंसी से ब्रिटिश कोलंबिया में कानून प्रवर्तन में ट्रांसफर कर दिया गया है। मिश्रा की जमानत पर सुनवाई आज रात होनी है, हालांकि डेट आगे बढ़ने की संभावना है, ऐसे में जमानत पर सुनवाई सोमवार को होगी।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved