नई दिल्ली: बीते शुक्रवार को पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पीटीआई संस्थापक इमरान खान ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष को एक पत्र लिखा था. इस पत्र के माध्यम से उन्होंने पाकिस्तान को किसी भी प्रकार के नए ऋण देने से पहले चुनाव परिणामों को ऑडिट करने की सलाह दी थी. हालांकि, आईएमएफ ने उनकी मांग को नजरअंदाज किया है और नई सरकार के साथ काम करने की इच्छा जताई है.
एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान आईएमएफ की निदेशक संचार जूली कोजैक ने कहा कि 11 जनवरी को ऋणदाता ने स्टैंडबाय अरेंजमेंट के तहत 1.9 बिलियन डॉलर की किस्त देने का फैसला लिया है. कोजैक ने कहा, अर्थव्यवस्था को स्थिर करने और प्राधिकरण के प्रयासों का हम समर्थन कर रहे हैं.
इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान के पिछली सरकार की भी सराहना की. उन्होंने कहा कि कार्यवाहक सरकार और अधिकारियों ने अपने कार्यकाल के दौरान आर्थिक स्थिरता को बनाए रखा. आईएमएफ के प्रवक्ता ने आगे कहा कि वे पाकिस्तान के सभी नागरिकों के लिए व्यापक आर्थिक स्थिरता और समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए उनकी नीतियों और नई सरकार के साथ काम करने के लिए उत्सुक हैं.
इमरान खान की मांग पर क्या आया जवाब?
कांफ्रेंस के दौरान जब जूली कोजैक से इमरान खान के बयान पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, ‘मैं उनकी मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम पर टिप्पणी नहीं करनी चाहती.’
इमरान खान ने लगाई थी गुहार
आईएमएफ का यह बयान इमरान खान द्वारा वैश्विक ऋणदाता को पत्र लिखने के बाद आया है. पीटीआई संस्थापक ने पत्र के माध्यम से नए ऋण कार्यक्रम के लिए इस्लामाबाद के साथ बातचीत से पहले आम चुनाव के परिणाम को ऑडिट करने की अपील की थी. इमरान ने मांग की थी कि IMF पाकिस्तान को कोई भी फंड जारी करने से पहले चुनाव नतीजों को ऑडिट कराए.
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